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लो

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मापनी-२१२२ २१२ २१२२ २१२ समांत- आर पदांत- की“गीतिका” गर इजाजत मिल गई नयन से सरकार कीकब खिलाफत हो सकी वचन सुन इजहार कीजब मिले दो दिल कभी समय उठ कहने लगा खिल रही उपवन कली चमन के रखवार की॥क्या हुआ क्यों हर गली में उठा भूचाल है बह रही दरिया शहर

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