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mothersdaypoem

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तुझे कुछ होने पर जिसकाकलेजा छलनी हो जातावो होती है माँखुद जमीन पर सोकरतुझे अपनी बिस्तर पर सुला देवो होती है माँखुद कितनी भी तकलीफ में होबस तुम्हे देखकर मुस्करा देवो होती है माँखुद कितनी भी भूखी होलेकिन तुम्हे अपने हिस्से काभी खाना खिला देवो होती है माँखुद कभी स्कूल ना गई होलेकिन तुम्हे पढ़ाने के लिएअ

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