लघुकथा मनोरंजन " कुछ भी हो भाई नाटक दमदार है . एक - एक किरदार को बड़ी मेहनत से गढ़ा गया है और हर कलाकार ने पूरे मन से काम किया है ." " ठीक कहा भाई ! हीरोइन भले ही नई है पर एक्टिंग ऐसी की है कि जैसे उसका जन्म इसी किरदार के लिए हुआ हो . कहीं से लगता ही नहीं है कि ये वो जुम्मन - बी नहीं है जो दो
"गीत"हिंदी हिंद की जान है, आन बान और शान हैभारत के हर वासी का, युग-युग से पहचान हैहर बोली में लहजा हिंदी, हर माथे पर सोहे बिंदीघर-घर में इंसान है, आँगन मुख मुस्कान है.......लिखना रुचिकर पढ़ना रुचिकर, रुचिकर है आठो डाँड़ीहिंदी के हर शब्द में बहती, गंगा यमुना की नाड़ीस्वर व्यंजन की आरती, प्रिय प्रतीक माँ