shabd-logo

prem

hindi articles, stories and books related to prem-36744


featured image

हज़ारो दीप भी कम है अंधेरो को मिटाने के लियेहो संकल्प मन में अगर तो एक दीप काफी है उजाले के लिये प्रेम है शब्द ऐसा किभेद आपस के मिटाता मगरएक कटु वचन ही काफी है दोस्ती मिटाने के लियेअगर भूल जाये रास्ता कोईअगरतो दिया झोपड़ी का ही काफी है रास्ता दिखाने के लिएजीवन में लग

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए