17 मार्च 2019
जब कहीं जाने का रास्ता ना मिला ,तेरा दामन हमने थाम लिया. मौत को ही ज़िंदगी समझ हमने, ख़ुशी से लगा गले हमने लिया. नादान मुहब्बत थी हमारी इतनी,कातिल को महबूब अपना मान लिया. तेरे हर ज़ुल्म से दर्द होता है मगर, क्या करे तुझे ख़ुदा जो अप