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रहस्य

hindi articles, stories and books related to Rahasya


दिल्ली के मेंटल हॉस्पिटल में हाल ही में एक नई मरीज एडमिट हुई थी। जिसके पागलपन से पूरा हॉस्पिटल हैरान  था वह खुद को ही चोट पहुंचाती थी वह खुद को ही इंजेक्शन लगा लेती थी या खुद के बाल खिंचती थी और जब तक

वह दिन था और आज का दिन है- शुरुआत कहां से करूं !मैं वहा-पोह में था ।मैं चाहता था हर क्रियाकलाप का एक वीडियो  चित्रण करूं। मगर फिर सोचा कि मेरे दोस्त को लगेगा कि यह मेरी जिंदगी की घटनाक्रम को एक व्यापा

(अभी तक आपने पढ़ा कि समीर कैप्टन के कुछ राज पता लगाता है जो समीर और उसकी माँ से भी जुड़े हुए लगते हैं। समीर उन्हें जेनिलिया व जैनी के समक्ष रखता है। उन्हें एहसास होता है कि जैसे कैप्टन समय के चक्कर को म

ज़रूरवेवेरवेवेर जज्ज जज्ज ककककक

राजन अपने घर आ तो गया मगर उसका सारा ध्यान ताबीज में ही था । क्या ताबीज में कुछ कलाकारी है ? ऐसा क्या है उस ताबीज में जिससे भूत भी डरते हैं ? ये कैसे पता चलेगा कि क्या क्या होता है उस ताबीजमें ? इसे जा

एक विशेष प्रकार की आवाज सुनकर राजन की नींद खुल गई । आवाज ऐसी आ रही थी जैसे कोई सांप रेंग रहा है । उसने धीरे से अपनी आंखें खोली मगर उसे कुछ दिखाई नहीं दिया । उसे लगा कि उसने डर के मारे आंखें खोली ही नह

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■पिशाचिनी का प्रतिशोध ■ भाग 55             (पिशाचिनी सिद्धि)       (पिशाचिनीसिद्धि)______________________________________________________________

ये कहानी है एक ऐसी चुड़ेल की जो बला की खूबसूरत दिखाई देती थी उसकी आँखे काली काली जिसको देख कर लोग उसकी आँखों में डूब जाया करते थे ,सुंदरता ऐसी थी की जो उसे देखकता था ,उसके हुस्न का कायल हो जाता दीवाना

उसने सुनील को मिलने के लिए कॉल किया तो सुनील कुमार रॉय ने मिलने के लिए दीदी को पहाड़ी के पीछे बुलायादीदी के पीछे पीछे मैं भी चल दिया,मुझे ये सब देख कर विश्वास नहीं हुआ ........उसने मेरी आंखों के सामने

राघव तुम्हारी महबूबा को तुमने हलाल क्यों नहीं किया ?उसे मेरी महबूबा नहीं विधि रॉय कहिए मेरे नौजवानों ।विधि का नशा झट से उतर गया ये सब सुन कर विधि ने कोशिश की उठने की तो खुद को लहूलुहान पाया .....

विधि नशे में बेहोश हो गई , उसे कुछ एहसास नहीं हुआ उसके साथ क्या हो रहा है?सुबह जब विधि की आंख खुली तो कुछ साफ नहीं दिख रहा था........पास में बहुत लोगों की आवाजें आ रही थी ,कोई कहता आज की रात तो जन्नत

दोनों बैठ कर खाना खाते हैं जस्ट चिल बेबीमैं तुम्हारी जान की आसानी से नहीं लूंगा तुम्हें तड़पा तड़पा कर मारूंगा........मेरी मोहब्बत में बोलकर प्यारी सी स्माइल दे दी ।विधि राघव की बाहों में जाकर लि

विधि की आंखों को अपने हाथ से दबाया और अंदर ले जाकर बेड पर बैठा दिया ।विधि मन ही मन , कुछ ठीक नहीं है मन बहुत घबरा रहा है ।राघव के फोन पर मैसेज आया राघव ने उसे इग्नोर कर दिया राघव के फोन पर बार-बार मैस

मित्रो आज इस कहानी में आपको इन आत्माओ का पूरा सच पता चल जायेगा और आप जानेंगे के इस बाड़े का क्या रहस्य है इस लिए कहानी को पढ़ते रही है। जिन्होंने इस कहानी को प्रारम्भिक स्थिति से नहीं पढ़ा है वो कृपया

अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक मै कोई आत्मा आ जाती है और उस को परेशान करती है और उधर सरिता को कैसे वो आईने वाली औरत परेशान करने लगती है अब आगे पर आगे बढ़ने से पहिले आप सभी से अनुरोध के आज से इस कहान

अब तक आपने पढ़ा के कैसे अमन ने अपनी माँ के साथ मज़ाक किया, कैसे अमन को अपनी माँ से डांट खानी पड़ी।  उधर सार्थक के सामने पूरे बाड़े का परिवार एक साथ खड़ा था।  अब क्या होगा क्या सार्थक और बाड़े मै रह रहा एलेक

नाथ शब्द का अर्थ होता है स्वामी। कुछ लोग मानते हैं कि नाग शब्द ही बिगड़कर नाथ हो गया। भारत में नाथ योगियों की परंपरा बहुत ही प्राचीन रही है। नाथ समाज हिन्दू धर्म का एक अभिन्न अंग है। नौ नाथों की परंपर

नाम उसका मिसेज़ स्टेला जैक्सन था मगर सब उसे मम्मी कहते थे। दरम्याने क़द की अधेड़ उम्र की औरत थी। उसका ख़ाविंद जैक्सन पिछली से पिछली जंग-ए-अ’ज़ीम में मारा गया था, उसकी पेंशन स्टेला को क़रीब क़रीब दस बरस से

उधर से मुसलमान और इधर से हिंदू अभी तक आ जा रहे थे। कैम्पों के कैंप भरे पड़े थे। जिनमें ज़रब-उल-मिस्ल के मुताबिक़ तिल धरने के लिए वाक़ई कोई जगह नहीं थी। लेकिन इसके बावजूद उनमें ठूंसे जा रहे थे। ग़ल्ला न

मंटो भाई ! तस्लीमात! मेरा नाम आप के लिए बिलकुल नया होगा। मैं कोई बहुत बड़ी अदीबा नहीं हूँ। बस कभी कभार अफ़साना लिख लेती हूँ और पढ़ कर फाड़ फेंकती हूँ। लेकिन अच्छे अदब को समझने की कोशिश ज़रूर करती हूँ

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