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साहस

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माँ का आँचलएक छोटे से गाँव में लीला नाम की एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन - पोषण कर रही थी। साथ ही अपने बच्चों को गाँव के स्कूल में पढ़ने को भेजती थी। उसके बच्चे

छत्तीसगढ़ की वीरांगना बिलासा केवट जिनके नाम पर बसा है बिलासपुर शहर…छत्तीसगढ़ में बिलासा एक देवी के रुप में देखी जाती हैं । कहते हैं कि उनके ही नाम पर बिलासपुर शहर का नामकरण हुआ। बिलासा केवट की एक आदमक़

सिकंदर को हराने वाली कठगणराज्य की राजकुमारी कार्विका के बारे में जानिये सच।राजकुमारी कार्विका सिंधु नदी के उत्तर में कठगणराज्य की राज्य की राजकुमारी थी । राजकुमारी कार्विका बहुत ही कुशल योद्धा थी। रणन

मध्यप्रदेश के रायसेन किले से जुड़े संघर्ष में 701 राजपूतानियों के जौहर को आज 490 साल पूरे हो गए हैं। मुगलों के आक्रमण के दौर में जौहर की इस कहानी के बारे में कम लोग ही जानते हैं।छह मई 1532 को रानी दुर

एक लड़की अनजानी सीपरसो रात्रि करीबन साढ़े ग्यारह बजे मे आॅफिस से घर को बाइक से निकला ही था की कुछ ही दूरी पर एक लडकी नजर आई सलवार सूट पहने मदद का हाथ लिए इशारे से... मैने बाइक रोकी तो पास से टैक्

रोता है आसमान क्यों सारा , रोती है क्यों हवाएँ ? थम गई है इस शहर की सांसे कोई नज़र न आये , तेरी एक तिरछी नज़र ने हमें कहाँ पर पहुंचा दिया, अपनी हद में रहने को हमें एक रास्ता बता दिया , “सादगी ” से र

साहस के बल पर डर को भी छिपा सकते हैं। कायर अपनी मौत से पहले कई बार मरते हैं।। लज्जित से सम्मानपूर्वक मरना भला होता है। भाग्य हमेशा साहसी इंसान का साथ देता है।। बिना साहस कोई ऊँचा पद प्राप्त नहीं क

सुख फिर भी मन में रहता हैl   पर्वत पर पर्वत गिर जाएं l   नदियाँ जल से प्रलय मचाये ll       पवन वेग से सब विचलित हो l       धरा हिले डग मग हो नित हो ll                रजनी के आँचल के पीछे,            

अब इससे बुरा क्या देखू मैंखुद को सब कुछ खोते देखा है मैंनेअब इससे ज्यादा क्या समझूं मैंखुद को समझाने में जमाना बदलते देखा मैने

अगर शब्दो के पंख होतेजरूरत ही ना होती किसी सी कुछ कह पाने कीखुद ही उड़ते जाते येपहुंच जाते जरूरत बातो पे जिन्हें होती जितनी जरूरत इनकी llउसकी उतनी बात होती ll कितनी सुहानी सी रात होतीकि

कभी उठाने के लिए गिराना भी पड़ता है आशु और आकाश दो भाई, आशु चिकित्सक की पढ़ाई का शौकीन मगर आकाश खेलप्रिय अधिक था, इसलिए पापा हमेशा यही कहते," मेरा आशु तो डॉक्टर बनेगा मगर आकाश इंटरनेशनल एथलीट बनेगा"

अकबर को शिकार का बहुत शौक था। वे किसी भी तरह शिकार के लिए समय निकल ही लेते थे। बाद में वे अपने समय के बहुत ही अच्छे घुड़सवार और शिकारी भी कहलाये। एक बार राजा अकबर शिकार के लिए निकले, घोडे पर सरपट दौड़

उन दिनों मैं स्कूल में पढ़ता था। राजू स्कूल छोड़ देने के पश्चात् जन-सेवा में लगा रहता था। कब किस पर कैसी मुसीबत आयी, उससे उसे मुक्त करना, किसी बीमार की सेवा-टहल, कौन कहाँ मर गया, उसका दाह-संस्कार इत्य

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दोन मुलं आणि तीन मुली असे मोठे परिवार असून आनंदाने गृहस्थश्रम वागविले .त्यांचे शिक्षण ,लग्न , व्यवस्थित पार

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अत्यंत दुर्बल परिस्तिथि में..एक साहसीय भीषण गर्जना,चारो ओर सन्नाटा..आपस में तांकते महा विभोर, दुःख.. कठिनाई.. तनाव.. समस्या..सब खड़े मौन,विस्मित मन से सोच रहे,अब हो गया इनका विरोध,कैसे करेंगे परेशान अब,सुन कर उसकी गर्जना,पीछे खड़ा.. सहमा हुआ डर..डर रहा था आगे आने को,सोच

कहते हैं मेरा वतन बात-बात में वाण। आतंकी के देश से आया कैसे गैर- मिला मंच खैरात का नृत्य कर रहा भाण॥-१ लेकर आओ हौसला हो जाए दो हाथ। क्यों करते गुमराह तुम सबके मालिक नाथ। बच्चे सभी समान हैं तेरे मेरे लाल- उनसे छल तो मत करों खेलें खाएँ साथ॥-२शौर्य तुम्हारा देखता सीधा सकल ज

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