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शायरी

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अधूरे मन की आस

इश्क के जाल में कब तक रह पाएगा

जिस्म से रुह तक उतर सी गई आज मुझको मधु चढ़ सी गईरातभर   थकन   महसूस  ही  नही,सुबह देखा तो फिर से उतर सी गईतूने मुझ पर ये कैसा जादू टोना किया,जो  पी&nbs

इंतजार है बरसों से, इंतिहां तो ना लोदिल  लगाया है तुमसे , सजा तो ना दोगुजारिश  है  निगाहों  से  तेरी,दीदार का इतना जुर्माना तो ना लोडूबे हुए हैं किनारे गिलासों में,अब इतन

आजकल वक्त बर्बाद बहुत कर रहा हूं मै

कही-सुनी पे बहुत एतबार करने लगे मेरे ही लोग मुझे संगसार करने लगे पुराने लोगों के दिल भी हैं ख़ुशबुओं की तरह ज़रा किसी से मिले, एतबार करने लगे नए ज़माने से आँखें नहीं मिला पाये तो लोग गुज़रे ज

सुनो मोटो, ये मत सोचना की मैंने तुम्हें भुला दिया है हां अब शिकायत नही करूँगा, शिकायत तो अपनो से होती है और मैं तो .... पता है मैंने तुम्हें आज भी सहेज के रखा है अपने चिठ्ठीवो मे ,अपने एहसासों मे

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हमको बुला रहे हैं सियासत के काफिले , सबको लुभा रहे हैं सियासत के काफिले . ..................................................... तशरीफ़ आवरी है घडी इंतखाब की, दिल को भुना रहे हैं सियासत के काफ

जी करे कभी ख़त बन जाऊँ मन के गर्भ की बात बताँऊ, औरों को तो बहुत बताया, आज खुद को खुद की बात सुनाऊँ, मोह की सुई बाधुंँ प्रेम की डोर से, शब्द शब्द के मोती पीरोंऊँ, गुथूं सपनो की एक माला, और उ

 अहंकार से जीत  प्रेम से हार नहीं होती  हिमालय पर बैठकर  गंगा पार नहीं होती॥                 जो निन्यानवे पर  आउट होने से डरते हैं  वो शतक कहाँ  पूरा करते हैं ॥                    

 तू मेरी क़िस्मत है  मेरे हाथों पे सजाया गया है तुझे मेरे लिये  तू ज़मीं पे उतरी है जैसे  आसमां को लिये  तेरी पलकों के दरवाज़े  खुलते बंद होते मेरे लिये  गुलाब सी पँखुडी़ लिये दो लब  तेरे चेहरे

राहों को ताकने से मंजिल नहीं मिलती! कोटों के पथ पर चलना पड़ता है! किनारों पें रुकी कश्तियाँ कभी पार नहीं लगती! कश्तीयों को पानी में उतारना पड़ता है! चाहे कितने भी पथरीले हो रास्ते! मंजिल को पाने

हसरतें  हमारे दिल में तमाम थी! जिसे हम अपना हम साया समझते थे! वो तो हरे नोटो की गुलाम थी! ,💔

बने थे हम आशिक उनके,  मगरूर थे उनके प्यार में!   हमें क्या पता था कत्ल करना है पेशा उनका!   कत्ल खाने है उनके शहर के हर बजार में!   कत्ल करते है, वो आशिकों का!   हमारे जैस

आँखों को इंतजार है तेरा ! होठों पर बस नाम है तेरा ! इंतजार में तेरे ये पलके झुकती नहीं ! मैं कैसे मान जाऊ बेवफा यार है मेरा!            

बिखरे हुए सपनों को  फिर से सजाने के ख्वाब ना बुनो यारों ! बुना तो टूटी हुई मोतियों की माला को जाता है! डोर और मोतियों का रिश्ता तो है सदियों पुराना! टूटती है डोर तो मोती बिखर जाता हैं! ये कलय

🌹फूल समझ कर जिसको कर गए भूल हम 🌹! 🌵कमब्बख्त उनका काटों से भी तेज मिजाज था!🌵                🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵

🌷🌷🌷 जब कोई अपना ही.........................बात करने का अंदाज़ बदल ले.............. तो औरों से क्या उम्मीद.....!!!🥀💔🥺🌿🌿🌿🌿🌷जब कोई अपना दूर चला जाता हैं,,,,,,🍁🤍तो बहुत तकलीफ होती हैं,,,,💔🌷

तू हमे चाहकर हमे भुला सकती है ऐसी तो तुम्हारी नियत है तू हमे चाहकर हमे भुला सकती है ऐसी तो तुम्हारी नियत है हम चाहकर भी तुम्हे नही भुला सकते बस यही तो हमारी इबादत है प्यार मैं क्या पता

तेरी आखों की मतवाली मस्ती मैं में खो गया तेरी आखों की मतवाली मस्ती मैं में खो गया तुझे पाने के लिए सारी दुनिया से में लड़ गया क्या आलम था मेरा जब तू मेरे साथ रहती थी मेरी आखों मैं

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