हमारे माता-पिता के बाद, सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षकों द्वारा निभाई जाती है ,जो हमे हमारे आस-पास के जीवन के बारे में सीखने की प्रक्रिया मे
5 सितंबर माने शिक्षक दिवस होता है. हर साल मनाया जाता है और हर कोई मनाता है, काहे के टीचर्स से किसका पाला नहीं पड़ा होता. हमारे प्यारे टीचर्स, अच्छे-भले और थोड़े गुस्सा से. कहीं के भी हों, उनके डायलॉग्स फिक्स होते हैं. आप मुल्क के किसी कोने में किसी भी स्कूल में चले जाइए. टीचर्स की बातें सेम टू सेम होत
शास्त्रों में " गु " का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और " रु " का का अर्थ किया गया है- उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है। अर्थात दो अक्षरों से मिलकर बने 'गुरु' शब्द का अर्थ - प्रथम अक्षर 'गु का अर्थ- 'अंधकार' होत