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तुम

hindi articles, stories and books related to tum


तुम   तुम्हारे कथनों को मैं ब्रह्म सिद्धांत की तरह अंगीकार करने लगी हूँ तुम्हारी उपस्थिति मेरे जीवन में किसी गंधर्व द्वारा निर्देशित पार्श्व संगीत से कम नहीं जबकि मैं नहीं जानती क

ये जो लोग बिना तुमसे मिले शायरी कर रहे है,

तुम मेरे दोस्त होहाँ तुम हीमिल जाते हो किसी न किसी मोड़ परकर देते हो जीवन के सफ़र को आसानदुख देना तुम ने सीखा ही नहींहर दुख के पल में तुम्हे साथ पाया मैंनेबहुत कुछ सिखाया है तुमने मुझेऐसा ही होना चाहिए दोस्तों कोहाँ तुमतुम मेरे दोस्त-अश्विनी कुमार मिश्रा

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तुम हो और हम हो और ये वक्त ही ठहर जाएअगर तुम कह दो बस इतना ही की तेरे साथ जीना अभी बाकि है.....-अश्विनी कुमार मिश्रा

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कौन जाने बेबस लोगों का दर्द...फ्री में मिल रही है प्राकृतिक आपदाएं!प्राकृतिक आपदाओं से तबाही का मंजर सिर्फ हमारे देश में नहीं बल्कि अपने पडौसी देशों के साथ विश्व के अनेक देशो में मिल रहा है. मानसून शुरू होने के बाद प्राय: हर वर्ष बाढ़ का ताण्डव शुरू हो जाता है. इस बार जानलेवा कोराना वायरस की बीमारी

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स्वर्गीयसुभाष चन्द्र बोस युवा शक्ति के प्रेरणा दायक नेता जी डॉ शोभाभारद्वाज सिंघापुर में मेरी बेटी का घर टाउन हाल के पास हैमैं टाउन हाल जाने के लिए उत्सुक थी बेटी मुझे दिखाने के लिये नन्हीं बेटी को लपेट कर हम टाउन हाल पहुंचेवहाँ वृद्ध चीनी इंचार्ज ने चश्में से हमें घूरते हुए क्लास ले ली बच्ची कित

सूनी थी नज़र, ख्वाब देखना तुम सिखा गए खामोश होठो को मुस्कुरना सिखा गए तन्हा कर जाने का ग़िला क्या करे तुमसे तन्हाई में भी खुश रहना तुम सिखा गए |

मेरे रस-छंद तुम, अलंकार तुम्हीं होजीवन नय्या के खेवनहार तुम्हीं हो,तुम्हीं गहना हो मेरा श्रृंगार तुम्हीं हो।मेरी तो पायल की झनकार तुम्ही हो,बिंदिया, चूड़ी, कंगना, हार तुम्हीं हो।प्रकृति का अनुपम उपहार तुम्ही हो,जीवन का सार, मेरा संसार तुम्ही हो।पिया तुम्हीं तो हो पावन बसंत मेरे,सावन का गीत और

एक होता है जादूगर और दूसरा जादू। हाँ तुम जादू हो जादू। कुछ भी इतना ख़ास पहले नहीं था जितना तुमसे बतियाने के बाद। तुमसे बातें करने पर ऐसा होता था जैसे ख़ुद को ही ख़ुद की ही बातें समझानी हो। पता है, तुम वो जादू हो जो दुनिया के सारे जादूगर सीखना चाहते हैं, पाना चाहते हैं पर सबके बस का नहीं है ये। तुमको

वज़्न- २२१ १२२२ २२१ १२२२ काफ़िया- अ रदीफ़ आओगे “गज़ल” आकाश उठाकर तुम जब वापस आओगेअनुमान लगा लो रुक फिर से पछताओगेहर जगह नहीं मिलती मदिरालय की महफिल ख़्वाहिश के जनाजे को तकते रह जाओगे॥ पदचाप नहीं सुनता अंबर हर सितारों का जो टूट गए नभ से उन परत खिलाओगे॥इक बात सभी कहते हद में रह

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