एक लड़की मेरे इतने करीब आकर चली गयी, जैसे कि मुझको मुझसे ही चुराकर चली गयी, उसके बिना मैं खुद को अधूरा - सा समझता हूं, पतंग संग डोरी का रिश्ता निभाकर चली गयी, कुछ अपने थे खिलाफ तब
वो चला गया... मेरे कमरे में आया था कुछ पल सोफे पर बैठे बैठे ही आराम किया... फिर भरी आँखें और भारी आवाज से कहने लगा अपनी दर्द भरी दास्तान... मैं निस्तब्ध रही... फिर उसने एक सिगरेट सुलगाई, और उ
वो एक बहुत ही पुराना बरगद का पेड़ था जिसके बगल से होकर रेलवे लाइन गुजरती है। उससे सटा हुआ रास्ता कच्चा व कीचड़ भरा होने के कारण आदमियों की भीड़ से दूर रहता है। जब से बारहवीं पास करके विद्यालय छोड़ा तब से
आज दिनांक 5 नवंबर 2023 की एक छोटी सी घटना !... ◆ यह छोटा सा संसार मेरा, मुझसे उम्मीदों से जुड़ा हुआ बेटी रूठी हुई थी एक ज़िद्द पर अपनी, उसकी माँ ने उम्मीद से देखा मुझको !! मैं लाचार से खड़ा हुआ, खा
अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें... इंजीनियर अजीत सोनकर अजीत सोनकर का जन्म 1 मई, 1988 को हुआ था। उन्हें एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, कार्यकर्ता और युवा राजनेता के रूप में मान्यता प्राप्त है, ज
आज जिंदगी ऐसे मुकाम पर खड़ी है ,जहा childhood को प्यार चाहिए, teenage को हर दुख, दर्द,अपमान का बदला और adulthood को बस peace चाहिए।
हर इंसान को कुछ न कुछ तो विरासत में मिलता है,मुझे भी कुछ चीजे विरासत में मिली है ,कुछ क्या बहुत कुछ मिला है,बहुत सारा प्यार मिला तो उस से भी ज्यादा दर्द मिला,शिक्षा मिली,आदर मिला, संस्कार मिला, अपनी म
आत्म ज्ञान एक परिचय- दोस्तों हममें से बहुत से लोगों ने यह बात अवश्य सुनी होगी कि मनुष्य जन्म का उद्देश्य आत्मज्ञान प्राप्त करके मोक्ष प्राप्ति करना है। मनुष्य जीवन में अनेकों संकट और कठिनाइयां पाई जा
हमे भी मोहब्बत है, तुम्हे भी मोहब्बत है।ये कैसी बेवफाई है,जो दोनों की हैना तुम बता सके ना हम सुन सकेकिसी और को सुनाते सुनाते ,किसी के न रह सके।
आज कल इतनी शादियां क्यों टूट रही? आज से दस बीस साल पहले तो ऐसा नहीं था, बहुत ही कम ratio होता था तलाक का ,पर आज कल तो तलाक सामान्य हो गया है।फैमिली कोर्ट के बाहर लाइन लगी होती है जैसे अब और कोई काम बच
बड़ी बेगानी सी होती हैं ये मोहब्बत कभी फसना नही इसमें दिल तो दिल कारोबार भी ले डूबती है
बड़ी बेगानी सी होती हैं ये मोहब्बत कभी फसना नही इसमें दिल तो दिल कारोबार भी ले डूबती है
बड़ी बेगानी सी होती हैं ये मोहब्बत कभी फसना नही इसमें दिल तो दिल कारोबार भी ले डूबती है
तुम्हारी कहानी में तुम सही सही हमारी कहानी में हम सही कही न कही कोई तो गलत था वार्ना ऐसे तो हमारी कहानी अधूरी नहीं होती !
अबनिन्द्रनाथ टैगोर, एक प्रसिद्ध भारतीय कलाकार और बंगाल स्कूल ऑफ़ आर्ट के संकल्पक, ने आधुनिक भारतीय कला स्तर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1871 में पैदा हुए, उन्होंने प्रसिद्ध टैगोर परिवार
अशापुरना देवी, बंगाल की एक महिला लेखिका, ने अपनी उदात्त साहित्यिकता के साथ महिलाओं के मुक्ति के पक्षधर और समर्थनकर्ता के रूप में प्रकाशित होने के रूप में प्रमुख योगदान किया। वह उत्तर कोलकाता के एक अत्
1880 में, भारत में ब्रिटिश शासन के शिखर पर, रुकया सखावत हुसैन, जिन्हें बेगम रुकया के नाम से भी जाना जाता है, ने एक छोटे लेकिन मायनेदार जीवन जिया। बंगाली लेखिका और क्रियाशील, उन्हें अक्सर बंगाल की प्रथ
माइकल मधुसूदन दत्त, बंगाली साहित्य के क्षेत्र में एक ऊंचा प्रतिष्ठित व्यक्ति, 19वीं सदी के साहित्यिक परिदृश्य में रचनात्मकता और नवाचार के प्रतीक के रूप में खड़े हैं। उनके कविता, नाटक और भाषा पुनर्जीवन
रित्विक घाटक, भारतीय सिनेमा में एक प्रत्याशी चित्रकला के प्रति अपने अद्वितीय योगदानों के लिए प्रसिद्ध है। एक दृष्टिकोणी सिनेमाई, घाटक के काम एक विशिष्ट भावनात्मक तीव्रता, एक गहरे-रूढ़ सामाजिक जागरूकता
"तितास एकटी नदीर नाम" एक साहित्यिक उपन्यास है जो पाठकों को एक दुखद और मोहक यात्रा पर ले जाता है, बांगलादेश में तितास नदी के किनारे स्थित एक दूरस्थ गांव के निवासियों के जीवन के माध्यम से। प्रसिद्ध बंगा