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इंतज़ार

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इंतज़ार करता रहा और शाम हो गई, ना जाने उनके आने में क्यों देर हो गई. बाकी है कुछ लम्हे यूँही ना गुज़र जाये,आने तक तेरे जिंदगी की ना रात हो जाए. (आलिम)

आज देर रात तक तेरे गुड नाईट के इंतजार में जागता रहा,मूंदी नम आंखो से मोबाइल की स्क्रीन को ताकता रहा।ये कहकर कि सो गया होगा तू मनाया मैने मेरे मन को,मन मुझसे दूर और मैं मन से दूर सारी रात भागता रहा।कोई खता अगर हुयी हो तो बता देता मुझको मेरे दोस्त,मैं रात भर चाँद से तुझको मनाने की भीख माँगता रहा।लडते

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