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एकता

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इस समय सम्पूर्ण भारत में धर्म की आड़ में अराजकता फैलाना एक आम बात हो गई है इसके मुख्य कारण हैं मैं और आप क्योंकि जब कभी भारत के किसी हिस्से में अपनी झूठी आस्था का दिखावा करने मात्र के लिए किसी की हत

बंद‌ करो मारामारी दूर करो दुविधा सारी क्यूं करते हो झगड़ा लड़ाई कर लो ,, आपस में एकता साझेदारी अनबन में कुछ नही एकता होती बलशाली हर प्रयास सफल हो जाते हैं जब होती है एकता हमारी ,, हर किसी का भविष्य

हिंदुओं में एकता की कमी होने का कारण।1200 वर्ष का इतिहास उठाकर देखिये। हिन्दू समाज विदेशी आक्रमणकारियों के सामने अपनी एकता की कमी के चलते गुलाम बने। इस सामाजिक एकता की कमी का क्या कारण था? इस लेख के म

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एकतामें बड़ी शक्ति होती हैं । वह परिवार, समाज, देशबहुत ज्यादा तरक्की करता हैं जहाँ एकता होती हैं. एकता हमें एक दूसरे का मान-सम्मानकरना सिखाती हैं । एकता हमें बुराइयों के खिलाफ़ लड़ने की ताकत देती हैं । एकता हीमानव जाति की पहचान हैं ।‘कौमी एकता’ मुख्यतः राष्ट्रीय एकता की

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2018 समाप्त हुवा । बदलाव , परिवर्तन निसर्ग का एक नियम है । आज विश्व काफी तीव्रगति से चल रहा है । और परिवर्तन की दौड़ मैं कई पीछे छुट रहे है तो कई काफी तेजीसे आगे भी बढ़ रहे है । समाज की एकता और प्रेम तभी आपसे में एक रूप हो सकते है जब हम इस बढ़ती तेज रफ़्तार में एक दूजे के सहायक बन एक दूजे को भी साथ लेकर

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एकता एक शक्ति निरंतर परिवर्तन सर पे आज मंतर,भूख की तलब से रखते आज अंतर,इस भीड़ में झाँकते गहराइयों में,दफने आज,सपने खास,पास की बुराइयों में,अग्रगामी जो सुनामी, बातें जो सुनानी, धर्म को जो आज बांटते,मुक्की उनको खानी,ये बतानी बातें,दो चा

मिट गयीं वो हस्तियाँ,और उनकी बस्तियाजो मिटाने के लिए, हमे आई हैंथम गयीं वो आँधियाँ,बुझ गयीं वो बातियाजो जलाने के लिए, हमे आई हैंकट गये वो कर,झुक गये वो सरजो झुकने के लिए, हमे आए हैं– कुँवर दीपक रावत

कुछ जरूरी काम से मुझे राजधानी दिल्ली आना पड़ा. दोपहर की कड़कती धुप के बीच ऑटो से दिलशाद गार्डेन मेट्रो स्टेशन की तरफ जा रहा था. सच बताऊ तो इस दौरान बशीर बद्र साहब की शायरी अचानक जुबां पर आ गई. सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत.दरअसल , जिस ऑटो पर मै बैठा

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धर्म - आज लोगों को बांटने का का साधन बन गया है !धर्म क्या है ? इसके बारे में क्या जानते हो ? आज लोग ये नहीं कहते कि धर्म हमें शांति के पथ पर अग्रसर करता है, धर्म श्रद्धा-आस्था का प्रतीक है ! धर्म हमें ईश्वर से जोड़ने का काम करता है !आज लोग ये माने या ना माने लेकिन

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