30 मई 2022
सिलवटेंद्वारा:-प्राची सिंह "मुंगेरी"* चादर की सिलवटें सबने देखीमन का शिकन किसी ने नहीं पढ़ा।।*माथे पर पड़ी सिलवटें तुम्हें परेशां बता रही हैं,बोलो इतनी खामोशी से आज किसका दिल तोड़ आये।।*हम दुपट्ट