shabd-logo

कुमारविश्वास

hindi articles, stories and books related to kumarvishwas


featured image

डॉ.कुमार विश्वास “कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है”कुमार विश्वास का जन्म 10 फ़रवरी 1970 को पिलखुआ (ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश) में हुआ था। चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे कुमार विश्वास ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा लाला गंगा सहाय स्कूल, पिलखुआ में प्राप्त की। उनके पिता डॉ. चन्द्रपाल शर्मा आर एस

featured image

Hindi poem - kumar vishwas सूरज पर प्रतिबंध अनेकों सूरज पर प्रतिबंध अनेकों और भरोसा रातों परनयन हमारे सीख रहे हैं हँसना झूठी बातों परहमने जीवन की चौसर पर दाँव लगाए आँसू वालेकुछ लोगों ने हर पल, हर दिन मौके देखे बदले पालेहम शंकित सच पा अपने, वे मुग्ध स्वयं की घातों परनयन हमारे सीख रहे हैं हँसना झूठी ब

featured image

Hindi poem - Kumar vishwasउनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलतीहमको ही खासकर नहीं मिलती शायरी को नज़र नहीं मिलतीमुझको तू ही अगर नहीं मिलती रूह मे, दिल में, जिस्म में, दुनियाढूंढता हूँ मगर

featured image

Hindi poem - Kumar vishwas मेरे पहले प्यार ओ प्रीत भरे संगीत भरे!ओ मेरे पहले प्यार!मुझे तू याद न आया करओ शक्ति भरे अनुरक्ति भरे!नस-नस के पहले ज्वार!मुझे तू याद न आया कर।पावस की प्रथम फुहारों से जिसने मुझको कुछ बोल दियेमेरे आँसु मुस्कानों कीकीमत पर जिसने तोल दियेजिसने अहसास दिया मुझको मै अम्बर तक उठ

featured image

Hindi poem - Kumar vishwas बांसुरी चली आओ तुम अगर नहीं आई गीत गा न पाऊँगासाँस साथ छोडेगी, सुर सजा न पाऊँगातान भावना की है शब्द-शब्द दर्पण हैबाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण हैतुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी हैतीर पार कान्हा से दूर राधिका-सी हैरात की उदासी को याद संग खेला है कुछ गलत ना कर बैठें मन ब

featured image

Hindi poem - Kumar vishwasसब तमन्नाएँ हों पूरी सब तमन्नाएँ हों पूरी, कोई ख्वाहिश भी रहेचाहता वो है, मुहब्बत में नुमाइश भी रहेआसमाँ चूमे मेरे पँख तेरी रहमत सेऔर किसी पेड की डाली पर रिहाइश भी रहेउसने सौंपा नही मुझे मेरे हिस्से का वजूदउसकी कोशिश है की मुझसे मेरी रंजिश भी रहेमुझको मालूम है मेरा है वो म

featured image

Hindi poem - Kumar vishwasभ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामाभ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामाहमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामाअभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत कामैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामाकभी कोई जो खुलकर हंस लिया दो पल तो हंगामाकोई ख़्वाबों में आकर बस लिया द

featured image

Hindi poem - kumar vishwasकोई दीवाना कहता है कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!यह

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए