प्रिय स्नेही मित्रों जय श्रीकृष्णा *14/07/2019 की सुबह06 बजे मैं घर के बाहर गाय का दूध निकाल रहा था। ऊपर से विजली का तार टूटकर मेरे सिर पर गिर गया। सिर से जब मेरी पीठ पर गिरा तो मैं आआआआआ करते हुए पीछे की तरफ गिर गया , जबकि दिमाग काम कर रहा है कि कोई हमे हाथ से न छूए अन्यथा उसे भी खतरा ह