shabd-logo

घनाक्षरी"

hindi articles, stories and books related to Ghanaakshari"


"मनहरण घनाक्षरी"जनक नंदिनी सीता चाहत चाह पिता की जगत रक्षिणी न्यारी वैदेही सुकुमारी।धन्य सु-अवतरण मिथिला रजत कण कुंभ हल धार फल जानकी अवतारी।।खुशी चहुँ ओर भयो जनक विभोर भयो नगरी निहाल हुई बढ़ती फुलवारीदिन प्रति रात बाढ़े जनक सुता निहारे पावन गुलाल लाल गुंजित किलकारी।।-१महारा

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए