shabd-logo

छोड़

hindi articles, stories and books related to chod


शीर्षक ---भाषा/बोली/वाणी/इत्यादि समानार्थक“मुक्तक”तुझे छोड़ न जाऊँ रीसैयां न कर लफड़ा डोली में। क्या रखा है इसझोली में जो नहीं तेरी ठिठोली में। आज के दिन तूँ रोकले आँसू नैन छुपा ले नैनों से-दिल ही दिल की भाषाजाने क्या रखा है बोली में॥-1 हंस भी मोती खाएगा, फिर एक दिन ऐसा आयेगा। कागा अपने रंग मेंआकर,

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए