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दिल

hindi articles, stories and books related to dil


दिल तो टूट गया है तेरी बेवफाई से पहले हां करके आया मेरे दिल में फिर न करके टुकड़े कर दिए मेरे दिल के.. जख्मी हो गया है दिल मेरा जब मगरुर हो गयी तेरी सांसे ,, न पूंछ मेरे दिल का हाल तूने ही तोड़ा है म

आशिक तेरा कहाने लगा हूँ मैं।।दिल से तुझको चाहने लगा हूँ मैं।।पागल हुआ हूँ तेरे प्यार में इस कदर।गलियों में मजनूं  कहाने लगा हूँ मैं।।मिल मिलकर तुझे हालत क्या हुई मेरी।पाने के तुझे ख्वाब सजाने लगा

तुम फिर से बोल दो तो गीत मैं गाऊँ।। तुम प्यार से बोल दो तो गीत मैं गाऊँ।। तुम दिल से मिलो तो दिल खुश हुआ। तुम दिल से बोल दो तो गीत मैं गाऊँ।। तुम साथ ही रहो तो दिल खुश हुआ। तुम अपना बोल दो तो गीत

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ऐ लम्हों थम जाओ जरा

एक बात जो दिल में है मेरे

बतानी है तुमको आज

न जाने कब उस

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सच कहूँ तो

एक नाजुक सा रिश्ता है 

तेरे मेरे दरम्यान

क्यों नाराज होते हो

✒✒अश्विनी कुमार मिश्रा की कलम✒✒


बात हो मुलाकात हो

साथ हो तुम्हारा हर पल

सब समझ आता है...मैं भी इंसान हूँ मुझे सब समझ आता है बस मन ये बावरा भावनाओं में बह जाता है कभी तुझे याद करके तो कभी बात करके इन आँखों से शांत सी बूंदों का कहर बाहर आता है प्यारी से तेरी मुस्कान और हाथ पकड़ साथ चलना हमें भी अच्छा लगता था तेरा बात-बात पर मचलना आंखे जो बंद करूं तो वो बीता मंजर नजर आता ह

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आज हरकोई डर के साए में जी रहा है | कोरोनाने हर किसी के जीवन में उथल पुथल मचाई हुई है | जिससे भी बात करें हर दिन यही कहता मिलेगा कि आज उसके अमुकरिश्तेदार का स्वर्गवास हो गया कोरोना के कारण, आज उसका अमुक मित्र अथवा परिचित कोरोना की भेंट चढ़ गया | पूरे के पूरे परिवार कोरोना की चपेटमें आए हुए हैं | हर ओ

मैंने देखी है गहराई दिल की, अनुमान ना लगा पाया था मैं,घाव इतनी गहराई तक लगा कैसे;दिल तो बडा छोटा सा लेकिन,उसमें चोंट इतनी गहरी क्यों हैं,इतने पर भी दिल से आह तक ना निकली,सब कुछ छिपा कर रखा ,घाव गहरा होने पर भी ,सामने टीस ना उभरने दी इसने;कभी कभी इस दिल ने धोखा भी खाया,उफ़

एक दिन मैं ऐसे ही बैठा था कि एक ख्याल आया,आखिर ये दिल भी क्या चीज है।क्यों ना इस पर रिसर्च किया जाए।वैसे मैं आपको बता दूं मेरे ऐसे फालतू विषयों पर कई रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं।जैसे ही मैंने फालतू विषय बोला ,सारे दिल वाले नाराज हो

ना दिल को सुकून,ना मन को चैन,ना बाहर मिले आराम,ना घर में रहे बिना काम,दोस्तों ये ना तो है प्यार,और ना जॉब या कारोबार,ये तो बस है ,शादी के बाद का हाल ।

मेरी कार धीरे धीरे सुनसगांव में प्रवेश करती है और मंदिर के सामने पत्थर वाले रोड से गुजरती है।सामने बाबू सोन जी मामा का मकान दिखता है हमेशा म

पढ़ें लिखे समझदार लोग, सांख्य, सवालों में गुम हो गए हैं। हर बात की नुक्ता चीनी में, रिश्ते दिमाग में कैद हो गये‌ है। पहले से ज्यादा भावों के अभाव हो गये है। लोगों के दिल तंग हो गये है, दिलों में अब खूबसूरत अहसास कम हो गये है। लोग बैठ अकेले, तन्हाई के मेले में खोकर , दुनिया से ही गुम हो गए हैं। प्या

गोशानशीं* तो उस रोज़ ही हो गए थे हम, जिस रोज़ उसने मेरे दिल को तोड़ा था, सपुर्दे ख़ाक कर आतश ए ज़िगर* अपना,अब तो गोशानशिनी* एक फ़ाक़ामस्ती है. (आलिम) * एकांतवासी, प्रेम की आग, एकांतवास

दिल का ये दर्द हमने सबको सुना दियाइस मरे से मन को जीवन बना लियारस्ते के काँटें अब तो राहों को बंद करेंकदमों के होंसलों ने गुलिस्ताँ खिला दियातानों की आँच पाकर जीवन झुलस रहामरहम वो फैसले का खुद पर लगा लियाआँखों में जन्म लेते सपने बहार केबह जाए न ये सपने आँसू सुखा लियापत्थर को पूजने से देवता वो बन गया

मर्ज़ कोई ले गया चुराकर ऐसा मैं बीमार हुआ। शुमार नहीं था किस्मत में जोक्यों उसका दीदार हुआ।। 💔

वास्तव में हमे जो करने की इच्छा हे वो हम नहीं कर पाते और जो समय हमसे करवाता हे ,हम फिर थक हार कर वही करने लगते हे ,जहा सभी लोग भागते दिखाई देते हे बस वही भागने लगते हे ...............रुको .................और सोचो इस रेस में हम कहा जाकर रुकेंगे

इश्क हुआ हमको क्यूँ ना उनको हुआ, बहुत जाना तो आलिम बस इतना जाना, टूटता जो दिल उनका तो ख़ुदा भी रोता, टुटा हमारा तो ना ये रोया ना वो रोया. (आलिम)

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