क्यूँ लगे तू सामने हैं सच तो है की तू जा चुकी है रूह मे अब भी तू बसी है जाने जा Read More Full Lyrics Click Here
मौत से बचने की दुआ।बाग-बगीचे, नदी-नहर, खान-पान, लोक-लज्जा, कीड़ेमकोड़े, गौरेया, गिद्ध, गाय, नीलगाय को तड़पाने के बाद।खुद तड़पने लगा, इंसान इंसान से डरने लगा।छुआछूत के बेल पनपने को रोक रहा था हर कोई।दूरियाँ मिटाने की राह में चले थे सभी, कोरोना ने और दूरियाँ बढ़ा दिया।मानव निर्मित हर चीज बहुत लाभदायक होने
श्वासों की आयु है सीमितये नयन भी बुझ ही जाएँगे !उर में संचित मधुबोलों केसंग्रह भी चुक ही जाएँगे !संग्रह भी च