*कटा पेड़*जब कटे पेड़ की डाली सेकोपल फूट ही जाती हैखण्ड खण्ड होकर भी वहफल देकर मुस्काती है।कटकर भी तुम्हें भुला न सकावह अपना अस्तित्व बचा न सकापर जाते जाते इस मृत देह से भीवह अपना फर्ज़ भुला न सका।तुम एक
उठा कुदालपेड़ लगागर चाहिए छाँवन जलें पाँवगर चाहिए हवादूर रहे दवागर चाहिए फलस्वस्थ रहें हर पलगर चाहिए जलबना रहे हमारा कलगर चाहिए साँसऔर जीवन की आसगर चाहो चंहु ओर मंगलबढ़ाओ खूब जंगलगर चाहो शीतल पवनलगाओ जम
कभी था ये भी हरा भरा,होता था ये खेत की शान।देता मधुर मधुर फल था ये,और छाँव में अपनी सबको विश्राम।।बचपन में दादा ने एक बीज था बोया,भोर के साथ एक अँकुर था फूटा।एक पौधे ने था जीवन पाया,जीवन देख था मन हरष
ओज़ोन परत का क्षरण हो रहा,कार्बन के उत्सर्जन से,अब इसे न बढ़ने देंगे,ऑक्सीजन के उत्पादन से।ऑक्सीजन का उत्पादन होगा,जमकर पेड़ लगाने से,देख-भाल करनी है उनकी,पशुओं के खा जाने से।पेड़ सिर्फ है नहीं लगाना,एक स