2012 से दो वर्ष पूर्व यानी 2017 तक हर साल, मैं किसी न किसी एग्जाम के फाइनल राउंड तक पहुंचता था और फिर बाहर हो जाता था। फाइनल लिस्ट में हमेशा कुछ नंबरों से रह जाता था, हर बार।जब मैं कोई एग्जाम पास नहीं कर पाया, मुझे लगा मैं हार गया हूं। कुंठित हो गया और कुछ समय पश्चात दुख और अवसाद से घिर गया। अवसाद च