क़ाफ़िया ज़िंदा आ स्वर रदीफ़ हूँ मैं वज़्न -२१२२ २१२२ २१२अरकान-फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन“गज़ल”क्या बताऊँ क्यों नहीं सुनता हूँ मैंहर घड़ी हैवान से लड़ता हूँ मैंदेख वह ले जा रहा है आदमीदौड़ कर रोको उसे कहता हूँ मैं।।फूलकर कुप्पा हुआ सहकार पाकब उठेंगे हाथ बस तकता हूँ मैं।।राम आए थे ब