5 मई 2018
एकता एक शक्ति निरंतर परिवर्तन सर पे आज मंतर,भूख की तलब से रखते आज अंतर,इस भीड़ में झाँकते गहराइयों में,दफने आज,सपने खास,पास की बुराइयों में,अग्रगामी जो सुनामी, बातें जो सुनानी, धर्म को जो आज बांटते,मुक्की उनको खानी,ये बतानी बातें,दो चा