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रक्षाबन्धन

hindi articles, stories and books related to Rakshabandhan


रक्षाबंधन येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः । तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल ।। (महाबली और दानवीर ऐसे बलि राजा जिस रक्षासूत्र से बांधे गए उस रक्षा सूत्र से मैं आपको भी बांधती हूँ, हे रा

ये कच्चे धागे ही नहीं, स्नेह का अटूट बन्धन  हैं।प्रेम के इस धागे से पल मे होता हार्दिक गठबन्धन है ।कच्चे धागों से हुमायूं को कर्मवती,बना भाई आई थी ।फिर आजीवन उसने भी, रक्षा कवच जो पाई थी ।तोड़े स

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कविता का संसार गढ़ना है, बन प्रेरणा चले आओ, हाँ, मुझे उड़ना है, तुम पँख बनकर लग जाओ । देखना है मुझे, उस क्षितिज के पार क्या है, जानना है मुझे, सपनों का सँसार क्या है । कल्पना के संसार में,

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बहुत दिनन के, बाद आयी हमका, मोरे पिहरवा की, याद रे ॥1॥ चाँदी जैसे खेतवा में, सोना जैसन गेहूँ बाली, तपत दुपहरिया में आस रे ॥2॥ अँगना के लीपन में, तुलसी तले दीया, फुसवा के छत की, बरसात रे ॥3॥

रक्षाबंधन की पौराणिक कथाओं पर कविता:सवाई वीर रवि की कथा है सुनो,कर्णा बन गए थे उनके दोस्त।उनके हाथों में बंधन बांधा,रक्षाबंधन की यही थी प्रस्तावना।कर्णा ने द्रौपदी को रक्षा की थी शपथ,जब उसकी मदद की थी

कीमत नहीं उस धागे की ,उसके साथ भावनाएं जुड़ी है।।प्रेम और खून के रिश्ते की , कडिया बहुत सी जुड़ी है।।आता है हर बरस सावन , हमें एक कर्तव्य याद दिला जाता है।।रक्षा के सूत्र का अनुपम बंधन , यादों को ताजा

कीमत नहीं उस धागे की ,उसके साथ भावनाएं जुड़ी है।।प्रेम और खून के रिश्ते की , कडिया बहुत सी जुड़ी है।।आता है हर बरस सावन , हमें एक कर्तव्य याद दिला जाता है।।रक्षा के सूत्र का अनुपम बंधन , यादों को ताजा

#राखीका‌प्याररक्षा बंधन के धागों में बंधा है भाई बहन का प्यारसबसे प्यारा रिश्ता होता है संसार मेंकभी लड़ाई कभी प्यारहोती है छोटी मोटी तकरारफिर नही होता है प्यार कमतभी तो कहलाता हैये भाई बहन का त्य

"सोमेश वो देखो उस महिला को सड़क के किनारे इतनी रात गए बैठी है! चलो ना देखते हैं""पारु रहने दो ना किस झमेले में फंस रही हो! पता नहीं कौन है! और इतने रात गए क्यों सड़क पर बैठी है!"इसलिए तो कह रही हूँ ना

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एक प्रेम ऐसा भी जो साथ चलता उम्र भर सब पर्वो से निराली है रक्षाबंधन हमारी रखा करता भाई बहनो का और भी गहरा प्रेम स्त्रियो की रक्षा का चाहे हो माँ बेटी या पत्नी करनी रक्षा इस संसार क

कैसी हो मेरी प्यारी दोस्त दिलरुबा📚📚📕📒हां मुझे उम्मीद है तुम बिल्कुल ठीक और खुश होंगी ठीक इसलिए कि मैं अपनी डायरी दिलरुबा को बहुत संभाल के जो रखती हूं और खुशी इसलिए  भाई आज रक्षाबंधन का त्योहा

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जब 30 और 31 अगस्त की तारीखें कैलेंडर के पन्नों में लिख जाती हैं, तो वातावरण में एक अफेक्शन और सखावट का वातावरण घिरता है, जिससे रक्षा बंधन 2023 के आगमन का संकेत होता है। भाई-बहन के बीच एक अद्वितीय बंधन

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रक्षा बंधन, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया भर के हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक खुशी का त्योहार है। इसका बहुत महत्व है क्योंकि यह भाइयों और बहनों के बीच के पवित्र बंधन का सम्मान

यह भाई बहन का रिश्ता बडा प्यारा हैयह ना बधां  होता किसी डोर से हैयह दिल से दिल का रिश्ता हैमन को उमंग से भरने का किस्सा हैना इसमें कोई छोटा बड़ा हैयह दोस्ती का एक रिश्ता हैहां इसमें नोकझोंक भी हो

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बहुत दिनन के, बाद आयी हमका, मोरे पिहरवा की, याद रे ॥1॥ चाँदी जैसे खेतवा में, सोना जैसन गेहूँ बाली, तपत दुपहरिया में आस रे ॥2॥ अँगना के लीपन में, तुलसी तले दीया, फुसवा के छत की, बरसात रे ॥3॥

बिंदु , मुक्ता ,राकेश   और हेमलता   दोस्त  हैं ! वह सब हर महीने एक दिन किसी के घर पर मिलते हैं ! आज सब मुक्ता  के घर मिलने वाले हैं ! सब उसके घर आतें हैं सब खुश हैं वहां आतें हैं तो देखते हैं की मुक्त

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आम को फलों का राजा कहा जाता है….. और सच भी है… क्योंकि इसके जादुई स्वाद के तिलिस्म से कौन सम्मोहित नहीं होता….. कभी आम के ऐसे ही मौसम में कुछ पंक्तियाँ बन गईं थीं….. सुर्खाब की देखें सूरत , लो

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  भीगे मन को भीगा सावन, सूखा-सूखा लगता है ।  मूक अधर, सूनी नजरों से, चौपाल भला कब सजता है ।   आँखों की कोरें भीगी हों  तो क्या करना सावन का,  मन में यदि न उम्मीदें हों  तो क्या करना सावन का, 

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 श्रावण मास के प्रमुख व्रतोत्सव    4 जुलाई से 31 अगस्त 2023  सोमवार 3 जुलाई को सायंकाल पाँच बजकर नौ मिनट के लगभग आषाढ़ पूर्णिमा – जिसे व्यास अथवा गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है – समाप्त होकर वृश्चिक लग

लडका अपनी छोटी बहन के साथ बाजार से जा रहा था।अचानक से उसे लगा की, उसकी बहन पीछे रह गयी है।वह रुका, पीछे मुडकर देखा तो जाना कि, उसकी बहन एक खिलौने के दुकान के सामने खडी कोई चीज निहार रही है।लडका पीछे आ

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