विजयादशमी और अपराजिता देवीचितिरूपेण या कृत्स्नमेतद्व्याप्य स्थिता जगत् ।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥ॐसर्वविजयेश्वरी विद्महे शक्तिः धीमहि अपराजितायै प्रचोदयातआज तक समस्त हिन्दू समाज माँ भगवती के नौ रूपों – शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महा
रावण के महिमामंडन का खंडन आजकल सोशल मिडिया पर एक चलन बहुत तेजी से चल पड़ा है , रावण के बखान..!! वो एक प्रकांड पंडित था जी....उसने माता सीता को कभी छुआ नहीं जी....अपनी बहन के अपमान के लिये पूरा कुल दाव पर लगा दिया जी.....!!!मेरे कुछ मित्र ब्राह्मण होने के कारण