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*सनातन धर्म इतना दिव्य एवं अलौकिक है कि इसका प्रत्येक दिन विशेष है | यहां प्रतिदिन कोई न कोई पर्व एवं त्योहार मनाया जाता रहता है , परंतु कुछ विशेष तिथियां होती हैं जो स्वयं में महत्वपूर्ण होती है | इन्हीं महत्वपूर्ण तिथियों में एक है वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया | वैसे तो प्रत्येक माह की शुक्ल पक्षीय

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*इस संसार में आदिकाल से लेकर आज तक अनेक भक्त हुए ! अनेकों भक्तों को तो भक्त शिरोमणि तक की उपाधि दे दी गई परंतु भगवान राम का प्रिय दास होने का सौभाग्य मात्र हनुमान जी को ही प्राप्त हुआ | हनुमान जी के अनेकों नाम इस संसार में विख्यात है परंतु सबसे लोकप्रिय हनुमान ही हुआ | हनुमान जी क्या है ? इसको बताते

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*हमारे देश भारत में सभी त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के मनाए जाते रहे हैं | हमारे त्योहारों ने समस्त विश्व के समक्ष सदैव एक आदर्श प्रस्तुत किया है इन्हीं त्योहारों में होली का त्योहार एक उदाहरण प्रस्तुत करता रहा है | पूर्वकाल में होली के दिन इतना हर्षोल्लास देखने को मिलता था कि सनातन धर्म को मांनने वा

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*भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में मनाया जाने वाला होली का त्यौहार हर्षोल्लास का सर्वोपरि पर्व है | यह हमारे देश का मंगलोत्सव है और भारतीयता का शीर्षस्थ पर्व है | होली वसंत ऋतु का यौवनकाल है | होली के इस समय में जहां एक और वनश्री के साथ-साथ खेत खलिहान भी फाल्गुन के ढलते ढलते संपूर्ण समृद्धि की आभ

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*हमारे देश भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है होली | होली वस्तुतः दो दिनों का पर्व है प्रथम दिन होलिका दहन का होता है दूसरा दिन रंगोत्सव का | होलिका दहन का पर्व बड़ी ही उल्लास के साथ हमारे देश में मनाया जाता है | सनातन धर्म के प्रत्येक पर्व एवं त्यौहार नकारात्मकता का त्याग करके जीवन में

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थोड़ी देर और मस्ती करने दो क्योंकि आज रविवार है सपनों की दुनिया में खोने दो क्योंकि आज रविवार है जिंदगी बहुत हैं शिकवे तुमसे चल रहने दे छोड़ सब क्योंकि आज रविवार है मुझे मालूम है ये ख्वाब झूठे और ख्वाहिशें अधूरी हैं मगर जिंदा रहने के लिए कुछ चिंतन जरुरी है आज ख़ुशी व चिंतन का वार है क्योंकि आज रविवार

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आज भले ही दीपावली में चारों ओर कृत्रिम रोशनी से पूरा शहर जगमगा उठता है, लेकिन मिट्टी के दीए बिना दिवाली अधूरी है। मिट्टी के दीए बनने की यात्रा बड़ी लम्बी होती है। इसकी निर्माण प्रक्रिया उसी मिट्टी से शुरू होती है, जिससे यह सारा संसार बना है। यह मिट्टी रूप में भूमि पर विद्यमान रहती है, लेकिन एक दिन ऐस

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आज धर्म के नाम पर एक दुसरे पर छींटाकसी करने वाले तथाकथित हिन्दू और मुसलमान जो शायद ही धर्म के वास्तविक स्वरूप की परिभाषा जानते हो ऐसे समय में उन्हें कबीर जैसे महान व्यक्तित्व के विचारों को पुन: पढना चाहिए | कबीर किसी विशेष पंथ सम्प्रदाय के नही अपितु पूरी मानव जाति के लिए

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राजस्थान की भूमि वीर प्रसूता रही है इस भूमि पर ऐसे-ऐसे वीरों ने जन्म लिया है जिन्होंने अपने देश की रक्षा में न केवल अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया बल्कि शत्रुदल को भी अपनी वीरता का लोहा मानने पर विवश कर दिया | लेकिन दुर्भाग्य ये रहा की हमारे देश का इतिहास ऐसे मुर्ख पक्ष

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लेखक :- पंकज प्रखर गणतन्त्र दिवस यानी की पूर्ण स्वराज्य दिवस ये केवल एक दिन याद की जाने वाली देश भक्ति नही है बल्कि अपने देश के गौरव ,गरिमा की रक्षा के लिए मर मिटने की उद्दात भावना है | राष्ट्र हित में मर मिटने वाले देश भक्तों से भारत का इतिहास भरा पड़ा है अपने राष्ट्र से प्रेम होना सहज-स्वाभाविक

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लेख क :- पंकज “प्रखर”कोटा (राज.) प्यारे विद्यार्थियों आपके लिए आज का लेख स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन की निम्न पंक्तियों से शुरू कर रहा हूँ ..“असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।जब तक न सफल हो, नींद चैन क

विद्यार्थी जीवन मनुष्य के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है | इस समय में बने संस्कार, सीखी हुई कलाएँ हमारा भविष्य निर्धारित करती हैं | इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि मनुष्य अपने विद्यार्थी जीवन से ही देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे | इससे वह अपने जीवन को इस प्रकार ढाल सकेगा कि राष्ट्र के प्

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विद्यार्थी जीवन में माता पिता की भूमिका लेख क :- पंकज " प्रखर " विद्यार्थियों के जीवन में सबसे बड़ी भूमिका में होते है मात पिता ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी है की वे अपने बच्चों को नकारात्मक विचारों से बचाएं और अपने स्नेह एवं मार्गदर्शन से उनमे आत्मविश्वास का दीपक प्रज

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गांधी - ईश्वरीय चेतना का एक अवतार लेखक :- पंकज " प्रखर " शास्त्र कहते है की जब भी धरती पर अनाचार,अत्याचार,व्यभिचार,शोषण बढ़ता है तथा लोग आसुरी शक्तियों द्वारा सताये व परेशान किये जाते है, जब कभी मनुष्य अपने देवीय गुणों को छोड़ कर आसुरी प्रवृत्ति की और आकर्षित होने लगता है उस समय ईश्वर महानायक के रू

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