shabd-logo

सँवरना

hindi articles, stories and books related to sanvarana


सजना, संवरना से जुड़ा कैसे है। यह मालूम न था। रोज रोज एक ही चेहरा आंखों के सामने आता था। मन उसे देखकर खिलखिलाता था। देख ले एकबार, वो मुझे गौर से और ठहर जाये उसकी नजर सिर्फ मुझपे, दिल यही चाहता था। उम्र है छोटी, इसमें यह सब खेल से ज्यादा भाने लगा था। रोज सुबह से शाम

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए