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सत्ता

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ध्यान से पढ़ें और समझेंबहुत समय पहले स्वर्ग में बर्बादी आने वाली थी, उसने इन्द्र देव से रात को सोते से जगाकर कहा कि मैं कल को स्वर्ग में आ रही हूँ, तुम मेरा साथ देना अन्यथा तेरा राज पाट सब नष्ट भ्रष्ट कर डालूंगी, इन्द्र देव स्वर्ग की सत्ता को लेकर बहुत ही चिंतनीय रहते थे

समाजसामाजिक मान्यताओं के आधार पर चलता है। लम्बे समय से चली आ रहीमान्यतायें को आधार बनाकर क़ानून बना दिया जाता है। मान्यताओंके आधार पर ही समाज में संतान की जाति-धर्म को तय किया जाता है । दो तरह की सत्ताएं होती हैं , एक - पितृ सत्ता , दूसरी मात्र सत्ता। संतान कीजाति व् धर्म जब पिता की जाति

कुछ तो जीते है मकसद के लिए, कुछ बिना मकसद जिए जा रहे है. कुछ नहीं कर पाए जो इस जिंदगी में, मज़हब के नाम पर लड़े जा रहे है. सत्ता की भूख ने छुड़ाया घर अपना, अब दुसरो के घर भी छुड़वा रहे है. जिन्हे फ़िक्र ना थी कभी अपने घर की, दुनिया

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एक देश में दो राजा थे, एक अँधा और एक काना. उस देश में 40 प्रतिशत ऐसे लोग थे जो अंधे थे, 40 प्रतिशत ऐसे थे जो काने थे, और 20 प्रतिशत लोगो की दोनो आँखे ठीक थी.अंधे लोग कानो से नफ़रत करते थे, काने अंधो से, और आँख वाले लोग अंधे और काने दोनो

मंदिर वैदिक काल में एक ऐसी जगह होती थी जहाँ समाज का सबसे बुद्धिमान ब्यक्ति रहता था एवं वो उस समाज की गतिविधियों को देखते हुए आगे की रणनीति तय करता था। अपने अपने समाज की उन्नति के लिए लोग मन्दिरों में इच्छानुसार दान देते थें ताकि उस विद्वान को समाज के हित हेतु किये जा रहे

@@@@@@@@@@@@@@@@@@अहँकार भरे भाषण सुनकर,हो गयी एलर्जी ऐसी |आपातकाल के क्रूर दौर में ,हुई काँग्रेस से जैसी ||चाल चरित्र और चेहरे से,जो है काँग्रेस की बहना |लगी है वो जोड़ तोड़ में , कठिन हो गया सहना ||@@@@@@@@@@@@@@@@@@

दृष्टिकोण और नजरिया दोनों अलग अलग हो सकते है? ईमानदार राजनीती में मिलावट भर्ष्टाचार का, भर्ष्टाचार में मिलावट ईमानदारी का ज़हर है?दबंग राजनीती में मिलावट शराफत का, शराफत वाली राजनीती में मिलावट दबंगई का ज़हर है?धर्म निरपेक्षता की राजनीती में धर्म का, और धर्म की राजनीती में मिलावट धर्म निरपेक्षता ज़हर ह

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