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                                 हम सभी इस घटना से पहले भी समाचार पत्र के लेखों में पढ़ चुके हैं आज हम  सभी इस  घटना को पढ़ते हैं। पंजाब  के  हर चुनाव में बिजली, पानी, बीजों, ग्राह्यों पर सब्सिडी की ब

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लडके को मेरे पास लाओ अम्बर को मलका के हुजूर पेश किया गया अम्बर इसी मलका नफरीति का बेटा था माँ शाही लिबास मेँ और बेटा फटे कपड़ो मेँ नंगे पैर लकड़ी की गुलेल हाथो मेँ लिए खड़ा हुआ था लेकिन खून आखिर खून ह

सब समझ आता है...मैं भी इंसान हूँ मुझे सब समझ आता है बस मन ये बावरा भावनाओं में बह जाता है कभी तुझे याद करके तो कभी बात करके इन आँखों से शांत सी बूंदों का कहर बाहर आता है प्यारी से तेरी मुस्कान और हाथ पकड़ साथ चलना हमें भी अच्छा लगता था तेरा बात-बात पर मचलना आंखे जो बंद करूं तो वो बीता मंजर नजर आता ह

मन के सांचे जो ढल जाए, प्रेम सुधा वो पी जाएं.. वो हमराही, हमसफ़र सबको कहां मिलता है? मन से ही जो ठोकर खा जाएं, फिर भला वो कहां जाएं? जज्बातों का ज़लज़ला है, जिंदगी में सुख दुःख का फलसफा है... कुछ कह जाए, कुछ रह जाएं.. पूर्ण करने को सबकों मनमीत कहां मिलता है? जीने के लिए साथी है पर साथ कहां मिलता है

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चीन मोदी के संकेतों को समझ जाये तो ठीक!यह मानना बेमानी होगी कि चीन के रवैये में कोई बदलाव होगा. यह बात उसी समय साबित हो चुकी थी जब चीन के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष ने भारत आकर हिन्दी-चीनी भाई भाई का नारा दिया था तथा चीन लौटने के तुरन्त बाद भारत पर हमला कर दिया था. चीन की मक्कारी ही उसकी कूटनीती है जो

अक्सर समझ नहीं पाते हैं लोग मन से मन की बातों को,शब्दों के जज्बातों को, सोचती जागती रातों को, अक्सर समझ नहीं पाते हैं लोग.......संबंधों की गहराई को, समय की दुहाई को, अपनों की अच्छाई को,अक्सर समझ नहीं पाते हैं लोग....... नेह से

कहा गया है अति सर्वत्र वर्जयेत । आजकल सोशल मीडिया पर बहुत सारी बुरी बातें लिखी जाती हैं तो बहुत सारी अच्छी बातें भी लिखी जाती हैं । बहुत से लोग फेसबुक आदि पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिये यहाँ वहाँ से सुवचन  और महापुरुषों के कथन कट पेस्ट शेयर करते रहते हैं । कुछ लोग तो पूरे समय इसी में जुटे रहते ह

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