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सूनी

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वृद्धाश्रम.....पहले तो होते नहीं थे क्यूंकि पहले के वृद्ध खुद को वृद्ध समझते थे। आज के वृद्ध पहले जैसे नहीं रहे।पहले वृद्ध अपने नाती पोतों में व्यस्त होते थे।आज के बुजुर्ग फोन टीवी और लैपटॉप में।बदलाव आया है सबमें पहले के बुजुरगों को बच्चो की हर एक्टिविटी से मतलब होता था आज के बुज़ुर्ग को सिर्फ फोन

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