''जो भरा नहीं है भावों से , बहती जिसमे रसधार नहीं . वह ह्रदय नहीं है पत्थर है , जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं .'' बचपन से राष्ट्रप्रेम की ये पंक्तियाँ पढ़ते हुए ह्रदय में राष्ट्र भावना सर्वोपरि रही किन्तु आज के दो समाचार इस भावना में थोड़ा सा हेर-फेर कर गए और व