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स्कूल

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अक्सर देखा जाता है कि जब बच्चे पहली बार स्कूल जाते हैं तब वे बहुत घबराए हुए से होते हैं। नई जगह, नए लोगों के बीच वे खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाते। इन्हीं सब चिंताओं का सामना करने के लिए उन्हें अप

खत्म हुआ स्कूल का सफ़र,चलना है अब एक नई डगर।ऊँचा लक्ष्य और ऊँची मँजिल लेकर जाना,नए रास्तों पर चलकर मिशाल बन जाना।गर आयें बाधाएं जीवन में कदम न ठिठकाना,हौंसला रखकर तुम आगे ही बढ़ते जाना।जो बोया है अनुशास

झील के पार है मेरा स्कूल,झील में खिलते हैं कमल के फूल,फूलों पर भौंरे रहे हैं झूल,ये है मेरा प्यारा बी. एस.एफ. पब्लिक स्कूल।बच्चों के मुख पर है मुस्कान,देश पर करते बहुत अभिमान,ऊँचे स्वर व तनकर गाते राष

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February 11 - Historical Events - On This Day #educratsweb Visit http://educratsweb.com/Historical_Events.php?month=February&day=11Rajasthan Police Sub-Inspector Platoon Commander Recruitment 2021 by RPSC - 27 Days Remaining for Apply #educratsweb Rajasthan Public Servi

अबतक हिंदी न्यूज़ /प्रयागराज/मेजा/तरवाई एक बार फिर मातादान सिंह इ. कॉलेज के छात्र/छात्रों ने फिर लहराया परचम हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा को पास कर के अपने विद्यालय व माता पिता , गुरुओ का सम्मान बढ़ाया है।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधनाचार्य श्री इंद्रभान सिंह ने बच्चो को हार्

आज बैठी थी मैं, अपने परिवार अपने बच्चों के पास, आज सुन रही थी मैं पहले से खास, बच्चे कहने लगे, इस तरह घर में कैद रहने से कहीं अच्छी थी, वो स्कूल की चारदीवारी, जहां पर 5 घंटे के लिए ही जातें, घर से बाहर जाते थे हम। टीचर की सख्ती, फिर भी दोस्तों संग मस्ती, पानी, टायलेट

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क्या स्कूल और कॉलेज के अंक ही सफलता का अंकशास्त्र लिखते है ?क्या यही सफलता की आखिरी सीढ़ी होते है ?अंकों का अतीत ही सुनहरे भविष्य की गारंटी हो सकता है ?समझ गया जो जीवन को बहुमूल्य समझ ले वो ये भी, सफलता असफलता अंकों से परे होती है, ये दृष्टिकोण मेंहोती है, प्रमाणपत्रों तक ही सीमित नहीं.शिल्पा रोंघे

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आज से कुछ साल पहले तक हम सभी के मनोरंजन का ज़रिया दूरदर्शन था. 90s में दूरदर्शन पर तरह-तरह के सीरियल्स देखने को मिलते थे. दूरदर्शन पर आने वाले इन सीरियल्स से न सिर्फ़ हमारा एंटरटेनमेंट होता था, बल्कि हमें बहुत कुछ सीखने को भी मिलता. फिर चाहे वो जानकारी सामाजिक मुद्दों से

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तमिलनाडु के नमक्कल ज़िले के एक गांव में एक टीचर की जमकर पिटाई हुई. क्योंकि वो स्कूल कैंपस में आंगनबाड़ी की वर्कर के साथ सेक्स कर रहा था.नमक्कल ज़िले में एक गांव है एस उदुप्पम. ये घटना इस गांव के सरकारी स्कूल की है. 10 सितंबर के दिन, जब बच्चे स्कूल के बाद अपने-अपने घर चले

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मासूम बच्चों की बेवक्त मौत के असली गुनाहगारों की तलाश के लिए पत्ते झाड़ने से फायदा नहीं, जड़ खोदनी होगी. ईमानदारी से मंथन करने पर मालूम चल जाएगा कि असली गुनाहगार हम खुद हैं. जानते- समझते हुए भी अपने मासूमों को कुछ पैसे बचाने के फेर में जबरन स्कूल वैन में बैठाते हैं और हादसे के बाद आसानी से कह दिया ज

तन्हाई मित्र हैं. झरने की झर्झर,नदियों की ऊफान, पहाड़ की चोटी पर झाड़ मे खिले नन्हेंकोमल-कोमल फूल जो हवाओं से बाते करते। वादियो, घाटियों, समतल मैदानों मे भटकता एक चरवाहा तरह-तरह की आवाज को निकाल अपने आप कोरमाए रखता। कभी ऐसे गाता जैसे उसे कुछ याद आया हो। उस याद मे एक कशिश की आवाज। वहइन समतल वादियों म

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कुछ बनने के लिए लगन और मेहनत जितनी जरूरी है, उससे भी अधिक जरूरी है एक बड़ी सोच। फिर चुनौती पेट भरने की हो तो संघर्ष और भी बड़ा हो जाता है। लेकिन सोच बड़ी हो तो तमाम संघर्ष अंत में छोटे पड़ जाते हैं। रायगढ़, छत्तीसगढ़ के तारापुर गांव में ऐसी ही बड़ी सोच लेकर बड़ी-बड़ी चुनौतियों को

हमारेबचपन में आज की तरह प्ले-स्कूल नहीं होता था। बस एक ही प्ले-स्कूल थाजो किताबी ज्ञान पर आधारित न हो, व्यवहारिकज्ञान व् प्रकृति करीब से जुड़ा था । प्लेस्कूल के लिए पांच-छह बरस तक हम अपने फार्म हाउस ( खेत खलियान) में घूमना, गन्ने

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इंसान अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे और खुशनुमा पलों की लिस्ट बनाए तो पहले नंबर पर उसके स्कूल डेज होंगे। जब कंधे पर सिर्फ किताबों का बस्ता होता था, न इश्क का रिस्क और न ही जिम्मेदारियों की चिंता। खुश होते थे तो जी भर के हंस लिया करते थे और दिल रूठ जाता था तो आंखों से उसे बाहर

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जो उम्मीदवार बीडी एचएससी परिणाम 2018 के परिणाम की जांच करने के लिए इंतज़ार कर रहे है उनके लिए अच्छी खबर है | सूचना के मुताबिक, बांग्लादेश शिक्षा बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन उच्चतर माध्यमिक प्रमाणपत्र (एचएससी) और इसकी समकक्ष परीक्षाओं के परिणाम घोषित करेगा डब्लू डब्लू डब्लू .एडुकेशनबोर्ड.जीओवी.बड़

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Bharat ko gulam रखने ke लिए मैकॉले में करवाई थी कॉन्वेंट (लावारिस child)school की शुरुआतPlease don't forget to link, Share , comment & most important SUBSCRIBE https://www.youtube.com/channel/UCx0G...Source : Dainik Bharat Music address:By

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21वीं सदी में लगभग हर वह चीज बदल चुकी है या बदल रही है जो हमारे जीवन को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती रही है. इनमें कृषि, मीडिया-क्षेत्र, नौकरियों का प्रारूप इत्यादि शामिल किया जा सकता है, किन्तु दुर्भाग्य से यही बात 'एजुकेशन सिस्टम' के लिए समग्रता से नहीं कही जा सकती है. इसी क्रम में

तीन दिन से छुट्टी पर चल रही है, काम नहीं करना तो मना कर दे, कोई जोर जबरदस्ती थोड़ी है. रोज कोई ना कोई बहाना लेकर भेज देती है अपनी बेटी को, उससे न सफाई ठीक से होती है और ना ही बर्तन साफ़ होते है. कपड़ों पर भी दाग यूँ के यूँ लगे रहते है .......... और उसमे इस बेचारी का दोष भी क्या है? इसकी उम्र भी तो नही

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