ढांढस बन्हाई के जोहाई समुझाई के त शक्ति के भान उ करउलैं जमवंता । साहस न बाटे केहू तोहरा के रोके टोके छेके डाँड़ डहरी हो चाहे भगवंता । सिया सुधि लेहि आवा देरी ना लगावा त ले सगरे प पुल दु बनइहें अभियं
हनुमान जयन्तीआज चैत्र पूर्णिमा है... और कोविडमहामारी के बीच आज विघ्नहर्ता मंगल कर्ता हनुमान जी – जो लक्ष्मण की मूर्च्छा दूरकरने के लिए संजीवनी बूटी का पूरा पर्वत ही उठाकर ले आए थे... जिनकी महिमा का कोईपार नहीं... की जयन्ती है… जिसे पूरा हिन्दू समाज भक्ति भाव से मनाता है... कल दिनमें बारह बजकर पैंताल
Vijethuwa dhamजय श्री बजरंग बली, हनुमानजी🙏🙏_बिजेथुआ_धाम_🙏🙏 सुलतानपुर जिले की कादीपुर तहसील में सूरापुर बाजार के दक्षिण लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर बिजेथुआ नामक स्थान पर स्थित हनुमान जी का वह मंदिर, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं महाबीर बजरंगबली श्री हनुमानजी ने कालनेमि का वध किया था।
चुनाव परिणामों ने दिखा दिया -वोटर्स को वही नेता पसंद है जो सुख-दुःख में साथहो, उसी की भाषा में बोले। देश हित में शीघ्र,उचितव् कठोर निर्णय लेने में भी न हिचके। करोड़ों वोटर्स नेEVM-VVPAT की पारदर्शिता को सलाम किया। जिसकों लेकर जनता के बीच जनाधार खोचुके नेता सवाल उठात
हनुमान जयन्तीकल चैत्र पूर्णिमा... विघ्नहर्तामंगलकर्ता हनुमान जी की जयन्ती… जिसे पूरा हिन्दू समाज भक्ति भाव से मनाता है... आजरात्री सात बजकर सत्ताईस मिनट से लेकर कल सायं चार बजकर बयालीस मिनट तक चैत्रशुक्ल पूर्णिमा है… मान्यता है कि सूर्योदय काल में हनुमान जी का जन्म हुआ था | कलसूर्योदय पाँच बजकर पावन
बजरंग बाण. जिस भी घर,परिवार में बजरंग बाण का नियमित पाठ,अनुष्ठान होता है वहां दुर्भाग्य, दारिद्रय,भूत-प्रेत का प्रकोप और असाध्य रोग,शारीरिक कष्ट कभी नहीं सताते। बजरंग बाण में पूरी श्रद्धा रखने और निष्ठापूर्वक उसके बार बार दोहराने से हमारे मन में हनुमान जी की शक्तियां जमने लगती हैं। शक्ति के विचारों
प्रत्येक व्यक्ति को हनुमानजी की भक्ति करना चाहिए। कलियुग में हनुमान ही एकमात्र जाग्रत देव हैं। उनका चारों युग में प्रताप है। उनकी भक्ति से व्यक्ति के भीतर साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है। हनुमानजी की भक्ति हर संकट से बचाती है। भक्तों ने अपनी भक्ति के चलते हनुमान
॥दोहा॥श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥॥चौपाई॥जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥राम दूत अतुलित बल धामा ।अञ्जनि-पुत्र
इस साल जनवरी में शाहजहांपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था। यहां बजरंग बली की करीब 130 साल पुराने मंदिर को तोड़ने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। भगवान हनुमान की मूर्ति को हटाने के लिए लगाई गई 3 भारी-भरकम क्रेन और कई मशीनों की हालत खराब हो गई। बताया गया कि करीब तीन दिनों
जो पाप-पुण्य से सदा परे है, जो लाभ-हानि से है अविचल।सुख-दुख जिसके सदा बराबर, जन्म-मरण में है सम वो तो। जिसका ना है मान, ना अपमान कर्मयोग में लगा है जो, वही है हनुमान । आ उठ चल अब दौड़ लगा, छोड़ के सारे तू अभ
भगवान राम ने अयोध्या लौटकर राजपाट संभाल लिया था. अयोध्या की जनता बेहद प्रसन्न थी कि आखिर रामराज्य आ ही गया. वैसे जो लोग भरत के राज्य में अपनी सेटिंग बिठा चुके थे, रामराज्य में भी खुश थे. आखिर राजा ही तो बदला था, बाकि सारे महकमे तो वैसे
रावण के महिमामंडन का खंडन आजकल सोशल मिडिया पर एक चलन बहुत तेजी से चल पड़ा है , रावण के बखान..!! वो एक प्रकांड पंडित था जी....उसने माता सीता को कभी छुआ नहीं जी....अपनी बहन के अपमान के लिये पूरा कुल दाव पर लगा दिया जी.....!!!मेरे कुछ मित्र ब्राह्मण होने के कारण
एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान हनुमान डॉक्टर के रूप में पूजे जाते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर के हनुमान स्वयं अपने एक भक्त का इलाज करने डॉक्टर बनकर पहुंचे थे. इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. श्रद्धालुओं का मानना है कि, डॉ. हनुमान के पास सभी प्रकार के रोगों का
बजरंगबली भला तेरी महिमा कहो किसने न जग गायी।शरण आया जो तेरी हर मुश्किलों से निजात पायी।।राम नाम महिमा अमित,अपार तूने ही फैलायी।शिव रूप छोड़,हनुमान बन भक्ति सबको सिखायी।।अष्ट-सिद्धि,नव-निधि प्राप्त कर जग हित लगायी।हर घडी राम-राम बस यही एक अलख जगायी।।समस्त कामना से दूर तूने बस राम उर लौ लगायी।याद दिला