4 अगस्त 2018
ना था दौरे इश्क ना है दौरे इश्क, हर दौर में हुक्म नफरत ने किया है. खातिर हुक्म अपना, ले नाम मज़हब का कभी बुतखाना कभी मस्जिद को तोड़ा है, ना बुतखाना, ना मस्जिद खुदा ने बनाई है, शैतान ने ख़ातिर- ए-दहशत इन्हे खुद बनाया है. मिटा इंसानिय