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ज़िंदगीं_न_मिलेगी_दोबारा

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ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा - जावेद अख़्तर Poem in Hindi दिल आखिर तू क्यूँ रोता है ?जब जब दर्द का बादल छाया जब गम का साया लहराया जब आंसूं पलकों तक आये जब ये तन्हां दिल घबराया हमे दिल को यूँ समझाया दिल आखिर तू क्यूँ रोता है?दुनिया में यूँही हो

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