shabd-logo

शोषण से संरक्षण ,,,, डा आंबेडकर

24 मार्च 2022

40 बार देखा गया 40
डा अम्बेडकर ने कहा था,,मुट्ठी भर लोगो द्वारा बहुसंख्यक जनता का शोषण इसलिए संभव हो रहा है की पैदावार के संसाधन ,जैसे जल ,जंगम ,जमीन, खादान, उद्योग धंधों ,कल कारखानों, यातायात के संसाधान,बैंक इत्यादि पर समाज का मालिकाना नही है,,अर्थात यदि पैदावार के संसाधन पर जिनका निजी मालिकाना होगा ,वही शोषण कर सकता है,यदि उत्पादन के साधनों का मालिकाना उसके हाथ में नही है तो वह चाहे किसी भी जाति का हो ,वह शोषण नही कर पाएगा,,,,,,शोषण से संरक्षण के लिए बाबा साहेब डा अम्बेडकर के अनुसार ,पैदावार के प्रमुख संसाधन सरकारी होना चाहिए,इसे ही बाबा साहेब डा अम्बेडकर ने राजकीय समाजवाद कहा,,सही मायने में यही राजकीय समाजवाद , डा अम्बेडकर का सपना था,,या कह सहते है की यही असली उनका मिशन है ,जिसे तथाकथित जातिवादी नेताओ ने इसे  छुपाकर रखा और जनता के सामने उजागर नहीं किया,,जातिवादी नेताओ ने जाति का संगठन बनाकर सवर्ण को गाली देने के अलावा कुछ नहीं किया,,और आंबेडकर के इस शोषण वाली व्यवस्था को खत्म करने के बजाय जाने अंजाने में शासक वर्ग को ही फायदा पहुंचाया है,,बहुजनो ,दलितों का मसीहा कहने  वाले जातिवादी ने कभी आर्य अनार्य,कभी 15 ,85 कभी मूलनिवासी  vnam विदेशी की बात कहकर भावनात्मक मुद्दा6 में उलझाए रखा,,,

Adv Yashwant Bharti की अन्य किताबें

1

तथागत बुद्ध का बहुजन हिताय बहुजन सुखाय

22 मार्च 2022
1
1
1

तथागत बुद्ध का जन्म आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व लिंबनी वन में हुआ था ,,बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था,सिद्धार्थ को जब ज्ञान की प्राप्ति हुई तब वे बुद्ध कहलाए, तथागत बुद्ध ने बहुजन हिताय बहुजन स

2

शोषण से संरक्षण ,,,, डा आंबेडकर

24 मार्च 2022
1
0
0

डा अम्बेडकर ने कहा था,,मुट्ठी भर लोगो द्वारा बहुसंख्यक जनता का शोषण इसलिए संभव हो रहा है की पैदावार के संसाधन ,जैसे जल ,जंगम ,जमीन, खादान, उद्योग धंधों ,कल कारखानों, यातायात के संसाधान,बैंक इत्यादि पर

3

समानता स्वतंत्रता बंधुता का बाबा साहेब डा अम्बेडकर के शब्दों में मतलब

26 मार्च 2022
0
0
0

समानता के बिना स्वतंत्रता नहीं आ सकती है, और समानता के बिना बंधुत्व नहीं हो सकता है समानता, स्वतंत्रता और बंधुता एक दूसरे की पूरक हैं,समानता का अर्थ= राजनैतिक,सामाजिक ,आर्थिक और शैक्षणि

4

समानता स्वतंत्रता बंधुता का बाबा साहेब डा अम्बेडकर के शब्दों में मतलब

13 अप्रैल 2022
0
0
0

<div><br></div><div>समानता के बिना स्वतंत्रता नहीं आ सकती है, </div><div>और समानता के बिना बंधुत्व नहीं हो सकता है</div><div> समानता, स्वतंत्रता और बंधुता एक दूसरे की </div><div>पूरक है

5

जाति प्रश्न पर अम्बेडकर और मार्क्स

13 अप्रैल 2022
1
1
0

क्रान्तिकारी साथियों, समाज में जब निजी सम्पत्ति नहीं थी तो कोई वर्ग नहीं था अर्थात कोई अमीर-गरीब नहीं था, कोई ऊँच-नीच नहीं था बराबरी थी। ऊँच-नीच, अमीर-गरीब निजी सम्पत्ति के ब

6

बाबा साहेब डा अम्बेडकर का असली मिशन,,

14 अप्रैल 2022
2
0
0

*बाबा साहेब का असली मिशन*डा भीम राव अंबेडकर की जयंती पर नमन! बाबा साहेब के कुछ बुद्धजीवी अंधभक्त बाबा साहेब को बगैर पढ़े उनकी मूर्ती के गले या पोस्टर पर माला चढ़ा कर जय भीम, जय-जय भीम बोल कर अपना दायित्

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए