हम भी अग्र बच्चा होट गीत ऑफ़ डोअर की आवाज़ (1 9 64): यह जॉय मुखर्जी, साइरा बनू, प्राण और दुर्गा खोटे अभिनीत द्वार की आवाज़ का एक प्यारा गीत है। इसे मोहम्मद रफी, आशा भोसले और मन्ना डे द्वारा गाया जाता है और रवि द्वारा रचित किया जाता है।
दूर की आवाज़ (Door Ki Awaz )
हम भी अगर बच्चे होते की लिरिक्स (Lyrics Of Hum Bhi Agar Bachche Hote )
हम भी अगर बच्चे होते हम भी अगर बच्चे होते नाम हमारा होता गब्लू बबलू खाने को मिलते लड्डू और दुनिया कहती हैप्पी बर्थडे टू यू हैप्पी बर्थडे टू यू
हम भी अगर बच्चे होते हम भी अगर बच्चे होते नाम हमारा होता गब्लू बबलू खाने को मिलते लड्डू और दुनिया कहती हैप्पी बर्थडे टू यू हैप्पी बर्थडे टू यू
कोई लाता गुड़िया
कितनी प्यारी होती है यह भोली सी उम्र न नौकरी की चिंता न रोटी की फ़िक्र कितनी प्यारी होती है यह भोली सी उम्र न नौकरी की चिंता न रोटी की फ़िक्र नन्हे-मुन्ने होते हम तो डी
हम भी अगर बच्चे होते हम भी अगर बच्चे होते नाम हमारा होता गब्लू बबलू खाने को मिलते लड्डू और दुनिया कहती हैप्पी बर्थडे टू यू हैप्पी बर्थडे टू यू
कैसे-कैसे नखरे करते घर वालों से हम पल में हँसते पल में रोते करते नाक में दम अक्कड़-बक्कड़ लुक्का-छुपी कभी छुआ-छू करते दिन भर हल्ला-गुल्ला दंगा और उधम
हम भी अगर बच्चे होते हम भी अगर बच्चे होते नाम हमारा होता गब्लू बबलू खाने को मिलते लड्डू और दुनिया कहती हैप्पी बर्थडे टू यू हैप्पी बर्थडे टू यू
अब तो है यह हाल के जब से बीता बचपन माँ से झगड़ा
हम भी अगर बच्चे होते हम भी अगर बच्चे होते नाम हमारा होता गब्लू बबलू खाने को मिलते लड्डू और दुनिया कहती हैप्पी बर्थडे टू यू हैप्पी बर्थडे टू यू हैप्पी बिर्थड़े