Hum Tum Ek Kamre Mein Band Hon Lyrics from Bobby is sung by Lata Mangeshkar and Shailendra Singh and written by Anand Bakshi. Music of Hum Tum Ek Kamre Mein Band Hon is composed by Laxmikant and Pyarelal.
बॉबी (Bobby )
हम तुम एक कमरे में बंद हों की लिरिक्स (Lyrics Of Hum Tum Ek Kamre Mein Band Hon )
बाहर से कोई अंदर न आ सके अंदर से कोई बाहर न जा सके सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाभी खो जाए क्ष (२)
तेरे नैनों की भूल भुलैया में बॉबी खो जाए हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाभी खो जाए
आगे हो घनघोर अँधेरा बाबा मुझे डर लगता है पीछे कोई डाकू लूटेरा हम्म क्यों डरा रहे हो
आगे हो घनघोर अँधेरा पीछे कोई डाकू लूटेरा ऊपर भी जाना हो मुश्किल नीचे भी आना हो मुश्किल सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम कहीं को जा रहे हों और रास्ता भूल जाएँ क्ष (२)
तेरे बहियाँ के झूले में सइयां बॉबी झूल जाए हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाभी खो जाए
बस्ती से दूर
हम तुम एक जंगल से गुज़रें और शेर आ जाए क्ष (२)
शेर से मैं कहूँ तुमको छोड़ के मुझे खा जाए हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाभी खो जाए
ऐसे क्यों खोए खोए हो जागे हो कि सोए हुए हो क्या होगा कल किसको खबर है थोड़ा सा मेरे दिल में यह दर है सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम यूँ ही हँस खेल रहे हों और आँख भर आये क्ष (२)
तेरे सर की कसम तेरे ग़म से बॉबी मर जाए
हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाभी खो जाए तेरे नैनों की भूल भुलैया में बॉबी खो जाए
हम तुम