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इश्क में शायरी

18 नवम्बर 2022

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जिस्म से रुह तक उतर सी गई 
आज मुझको मधु चढ़ सी गई

रातभर   थकन   महसूस  ही  नही,
सुबह देखा तो फिर से उतर सी गई

तूने मुझ पर ये कैसा जादू टोना किया,
जो  पी  है  कि  अब  उतरती  नही ।।



जी भरके मुझको आज पी लेने दे,
सच कहता हूं फिर मैं पीऊंगा नही

तेरा दीदार ही, आखरी इच्छा यही,
भूल जाना कि फिर मैं मिलूंगा नही


      -Rohit Kumar 'Madhu'
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रचनाएँ
दैनन्दिनी
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18 नवम्बर 2022
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7 जनवरी 2023
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