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"जागो मेरे देशवासियों'

16 फरवरी 2024

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चारों तरफा हो रहा जो, नाश ये विनाश है.
प्रलय का संकेत है ये, अंत बहुत पास है.
हौसला चट्टान सा है, तोड़ ना सकोगे तुम.
छल-कपट से हम को कभी, जोड़ ना सकोगे तुम.

देश के आवाम की, ना तुमने रखी लाज़ है
मेटनी पड़ेगी, उठरी तुम्हारे खाज है
आज भी समय है,जागो मेरे देशवासियों
देश ही तो शान है, ये शान सर का ताज है
देश ही तो शान है, ये शान सर का ताज है 


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𝙒𝙧𝙞𝙩𝙚𝙧~ 𝙂𝙖𝙪𝙧𝙖𝙫 𝙎𝙞𝙣𝙜𝙝 𝙑𝙞𝙧𝙖𝙟𝙠𝙖𝙧

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