कोई तो बात है तुझ में तू इतना याद आता है
इक तेरा प्यार ही मुझ में उमंगों को जगाता है
कई जन्मों का नाता है सदा मुझको लगे ऐसा
मुहब्बत वरना कोई इस तरह थोड़ी लुटाता है
मुझे महसूस होता है कोई ना झूठ है इस में
अपनी पलकों पे तू ही फ़कत मुझको बिठाता है
मुहब्बत के सिवा मैं तो तुझे कुछ दे नहीं पाई
मेरे नखरों को तू फिर भी सदा हँसकर उठाता है
सुनो एक राज़ अपने दिल का मैं तुमको बताती हूँ
एक तेरा ख्याल ही मधुकर मेरी नींदें चुराता है