कभी उठाने के लिए गिराना भी पड़ता है
आशु और आकाश दो भाई, आशु चिकित्सक की पढ़ाई का शौकीन मगर आकाश खेलप्रिय अधिक था, इसलिए पापा हमेशा यही कहते," मेरा आशु तो डॉक्टर बनेगा मगर आकाश इंटरनेशनल एथलीट बनेगा"
एक एक्सीडेंट में आकाश की टांग क्या टूटी उसका दिल ही टूट गया, वो कहता, " मैं अब नहीं दौड़ सकता, मैं कभी एथलीट नहीं बन पाऊंगा"
पापा ने बहुत समझाया, लेकिन वो हार चुका था।
एक बार आशु ने पापा से कहा," पापा भाई तो अब दौड़ नहीं पाएगा, इसलिए वो तो एथलीट बनने से रहा, अब तो डाक्टर भी मैं ही और इंटरनेशनल एथलीट भी मैं ही बनूंगा" और वो खेलों की तैयारी करने लगा।
लेकिन आकाश छोटे भाई की बात अन्दर तक छू गई और वो दिन-रात मेहनत करने लगा और फिर से लौट आया खेलों की दुनिया में, आज वो एक नामी एथलीट है।
इंटरनेशनल एथलीट की ट्राफी लेते हुए आकाश आशु का शुक्रिया करता है, कि अगर वो इस तरह ना बोलता तो वो कभी एथलीट ना बनता।
आशु,"भाई मुझे क्षमा करना, अगर मैं इस तरह का व्यवहार ना करता तो हमेशा के लिए हम एक अच्छा एथलीट खो देते, कभी-कभी किसी को उठाने के लिए गिराना आवश्यक हो जाता है"
प्रेम बजाज ©®
जगाधरी ( यमुनानगर)
211कभी उठाने के लिए गिराना भी पड़ता है
आशु और आकाश दो भाई, आशु चिकित्सक की पढ़ाई का शौकीन मगर आकाश खेलप्रिय अधिक था, इसलिए पापा हमेशा यही कहते," मेरा आशु तो डॉक्टर बनेगा मगर आकाश इंटरनेशनल एथलीट बनेगा"
एक एक्सीडेंट में आकाश की टांग क्या टूटी उसका दिल ही टूट गया, वो कहता, " मैं अब नहीं दौड़ सकता, मैं कभी एथलीट नहीं बन पाऊंगा"
पापा ने बहुत समझाया, लेकिन वो हार चुका था।
एक बार आशु ने पापा से कहा," पापा भाई तो अब दौड़ नहीं पाएगा, इसलिए वो तो एथलीट बनने से रहा, अब तो डाक्टर भी मैं ही और इंटरनेशनल एथलीट भी मैं ही बनूंगा" और वो खेलों की तैयारी करने लगा।
लेकिन आकाश छोटे भाई की बात अन्दर तक छू गई और वो दिन-रात मेहनत करने लगा और फिर से लौट आया खेलों की दुनिया में, आज वो एक नामी एथलीट है।
इंटरनेशनल एथलीट की ट्राफी लेते हुए आकाश आशु का शुक्रिया करता है, कि अगर वो इस तरह ना बोलता तो वो कभी एथलीट ना बनता।
आशु,"भाई मुझे क्षमा करना, अगर मैं इस तरह का व्यवहार ना करता तो हमेशा के लिए हम एक अच्छा एथलीट खो देते, कभी-कभी किसी को उठाने के लिए गिराना आवश्यक हो जाता है"
प्रेम बजाज ©®
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