अक्षत रोली
लगाकर भाई को
बाँधी है राखी !
...
पवित्र रिश्ता
विश्वास का बँधन
कायम रखे !
...
रेशम डोर
कलाई से बँधे तो
दुआ बनती !
...
माथे तिलक
कलाई राखी सजे
खुश हो भाई !
...
दुआ की डोर
बाँधे पावन रिश्ता
सदा के लिए !
17 अगस्त 2016
अक्षत रोली
लगाकर भाई को
बाँधी है राखी !
...
पवित्र रिश्ता
विश्वास का बँधन
कायम रखे !
...
रेशम डोर
कलाई से बँधे तो
दुआ बनती !
...
माथे तिलक
कलाई राखी सजे
खुश हो भाई !
...
दुआ की डोर
बाँधे पावन रिश्ता
सदा के लिए !
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ब्लाग जगत पर 2009 से 'सदा' के नाम से कविताओं के माध्यम से आप सबके साथ साझा करती हूँ विचार, कवितायें, जो कहते हैं बस अक्सर ....
मन को छू लें वो शब्द अच्छे लगते हैं, उन शब्दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक - दूसरे को सदा के लिए ...
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