Kapil Sharma
2 किताबे ( 2 हिंदी )
10 रचनायें ( 10 हिंदी )
I love reading, writing.
A word come from heart.
1.ये इश्क़ नहीं हैं तो फिर क्या हैं! बिन कहें आँखें सब कुछ बया कर जाती बिन कहें दिल की बात उस तक पहुँच जाती ये इश्क़ नहीं हैं, तो फिर क्या हैं। जब बातें दिल से ज्वाला की तरह निकालती और जुबान से अधरों के ताल-मेल को बिगाड़ देती कहना कुछ चाहए और
A word come from heart.
1.ये इश्क़ नहीं हैं तो फिर क्या हैं! बिन कहें आँखें सब कुछ बया कर जाती बिन कहें दिल की बात उस तक पहुँच जाती ये इश्क़ नहीं हैं, तो फिर क्या हैं। जब बातें दिल से ज्वाला की तरह निकालती और जुबान से अधरों के ताल-मेल को बिगाड़ देती कहना कुछ चाहए और
जब मन होता हैं!
15 जून 2022
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खबर हैं, आज आसमान में!
28 मई 2022
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अभी कहॉं अभी तो बहुत कुछ बाकि हैं।
23 मई 2022
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कहाँ हमें जीने देगी!
8 फरवरी 2022
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ये रात मुझे बहुत कुछ सीखा कर चली गई।
9 जनवरी 2022
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आज बूंदे तो गिर रही हैं।
6 जनवरी 2022
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आज बूंदे तो गिर रही हैं।
6 जनवरी 2022
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निश्चित हैं!
1 जनवरी 2022
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इस टूटे मन की व्यथा को कौन समझ सकेगा।
20 दिसम्बर 2021
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क्या लिखू अब जब तुमको सब एक मज़ाक - सा लगता हैं।
12 दिसम्बर 2021
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