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कपिल सिंह के बारे में

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-09-14

कपिल सिंह की पुस्तकें

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कपिल सिंह के लेख

विश्व हिंदी दिवस

6 जनवरी 2024
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'विश्व हिंदी दिवस', किस दिन आता है? इसका पता लगते से ही मन में स्वतः ही राष्ट्रभक्ति जाग उठती है।  'इंडिया' को 'भारत' बोलने का मन करता है और तो और २ से ५ मिनट के लिए अनायास ही सीना गर्व से चौड़ा हो जात

वो अस्सी-नब्बे की बातें

23 नवम्बर 2023
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वो अस्सी-नब्बे की बातें, कभी कभार याद आ जाती है और याद आते ही अपने अंदर समां लेती है गर्मियों की छुट्टियो में छत पर कतार से सोना सोने से पहले बड़ो का बाल्टी-मग से छत पर छिड़काव करना बीच बीच

हिंदी भाषा

14 सितम्बर 2022
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कई दशको पहले यदि भारत में कुछ ऐसा घट जाता जिस से ये देश धन सम्पन्न और विकसित बन जाता  चहुँमुखी विकास के साथ साथ अन्तराष्ट्रीय व्यापर भी शशक्त हो जाता और शशक्त हो जाती हिंदी भाषा भारत में तो चारो

ओह दिवाली!

26 अक्टूबर 2021
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<p>आज अवसर मिलते ही अपना स्कूटर उठाया </p> <p>और बाहर को निकला</p> <p>सोचा दिवाली पर कुछ ले आऊं

कोरोना

5 मई 2021
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कोरोना वहां इठला कर खड़ा है,और यहाँ धैर्य, साहस और विश्वास की मंत्रणा चल रही है। धैर्य बोला, थक गया मैं इस से लड़ लड़ के,वापस आ जाता है, ये दुगुनी शक्ति से। धैर्य की बात सुनकर, साहस भी धीमे स्वर से बोला,दुर्बल हो गया हूँ मैं भी, इसकी विविध शक्तियाँ देख कर,इतना धैर्य रख र

कोविड - 19

4 मई 2021
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चारों ओर से आती हुई एम्बुलेंस की धुँधली आवाज़ें भी,हर बार कुछ क्षण के लिए ह्रदय की धड़कने बढ़ा जाती है,मष्तिष्क किसी तरह ह्रदय को संभालता है,और ह्रदय फिर फेफड़ो की चिंता में डगमगाता है,ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन स्तर जांचने के बाद ही,सुकून की सा

क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएँ

25 दिसम्बर 2019
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फुटपाथ पर बैठा दस वर्ष का बच्चा, बड़े कौतुहल से किसी की प्रतीक्षा कर रहा है घडी नहीं है उसके पास, फिर भी एक एक क्षण गिण रहा है आशा भरे नयनो से, चारो और देख रहा है अपना मन पसंद उपहार मिलने की उम्मीद में, दिन भर से यही संता की बाट जो रहा है किसी ने बताया उसको, की आज संता सबको मन पसंद उपहार दे रहा ह

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये !!

14 अगस्त 2019
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एक वर्ष और स्वतंत्रता का.. आकर चला गया.. महँगाई..भ्रष्टाचार और अनगिनत रेप के बीच, इस स्वतंत्र धरती के.. खुले आकाश में.. दम घुँट रहा है.. बस शरीर जीवित है, कोई सरकार पर आरोप लगा रहा है.. सरकार विपक्ष पर.. विपक्ष सरकार की टांग खींच रहा है.. और जनता भूखी मर रही है, जिन वस्तुओं की जरुरत नहीं है.. वो सस्

सफलता

6 अगस्त 2019
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बस कुछ ही दूर थी सफलता, दिखाई दे रही थी स्पष्ट, मेरा प्रिय मित्र मन, प्रफुल्लित था, तेज़ प्रकाश में, दृश्य मनोरम था, श्वास अपनी गति से चल रहा था, क्षणिक कुछ हलचल हुई, पैर डगमगाया, सामने अँधेरा छा गया, सँभलने की कोशिश की, किन्तु गिरने से ना रोक पाया अपने आप को, ना जाने कौन था, जो धकेल कर आगे चला गया,

भीषण गर्जना

5 अगस्त 2019
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अत्यंत दुर्बल परिस्तिथि में..एक साहसीय भीषण गर्जना,चारो ओर सन्नाटा..आपस में तांकते महा विभोर, दुःख.. कठिनाई.. तनाव.. समस्या..सब खड़े मौन,विस्मित मन से सोच रहे,अब हो गया इनका विरोध,कैसे करेंगे परेशान अब,सुन कर उसकी गर्जना,पीछे खड़ा.. सहमा हुआ डर..डर रहा था आगे आने को,सोच

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