काश कोई आईना ऐसा भी होता.
क्या मंजूर है दुनिया बनाने वाले को,
पहले से ही बता देता, दिल
की उलझन को चुटकियों में ही
सुलझा देता.
शिल्पा रोंघे
1 दिसम्बर 2019
काश कोई आईना ऐसा भी होता.
क्या मंजूर है दुनिया बनाने वाले को,
पहले से ही बता देता, दिल
की उलझन को चुटकियों में ही
सुलझा देता.
शिल्पा रोंघे
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पत्रकार, लेखक, ब्लॉगर, कवि,
विभिन्न न्यूज चैनल में सबएडिटर के तौर पर काम करने का अनुभव और वेबमीडिया में फीचर लेखक के तौर काम किया है । फ्रीलांस लेखक के तौर पर कार्यरत । विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हुआ है । मास्टर्स इन जर्नलिज़्म ( एमसीआरपीवी )
पत्रकार, लेखक, ब्लॉगर, कवि,
विभिन्न न्यूज चैनल में सबएडिटर के तौर पर काम करने का अनुभव और वेबमीडिया में फीचर लेखक के तौर काम किया है । फ्रीलांस लेखक के तौर पर कार्यरत । विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हुआ है । मास्टर्स इन जर्नलिज़्म ( एमसीआरपीवी )