बाहर से जब थक कर घर के लोग आए
तो हाल-चाल उनका पूछती हूं
किसी दिन कोई मेहमान आ जाएं
तो सेवा उसकी करती हूं
बच्चें जब छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाए
तो मैं ही उनको मनाती हूं
रात-रात भर जाग-जाग कर
अक्सर उनको सुलाती हूं
आंच अगर घर पर आएं
तो मैं ही ढाल बनकर बचाती हूं
मैं एक स्त्री हूं
जीवन का हर कर्तव्य निभाती हूं