शिक्षक दिवस, 05-09-2018 के ज्ञान शिरोमणि अवसर पर सर्व गुरुजनों को सादर नमन, वंदन व अभिनंदन
“कुंडलिया”
पढ़ना- लिखना, बोलना,
विनय सिखाते आप।
हर अबोध के सारथी, वीणा के पदचाप॥
वीणा के पदचाप, आप शिक्षक गुरु ज्ञानी।
खड़ा किए संसार, बनाकर के विज्ञानी॥
कह गौतम कविराय, सिखाते पथपर बढ़ना।
सृजन रंग परिधान, सु-सृष्टि सभ्यता पढ़ना॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
रेणु
06 सितम्बर 2018क्या बात है आदरणीय भैया !!!!!!!! पावन गुरु शक्ति को समर्पित बहुत ही श्रद्धा भरे भाव !!! सचमुच गुरुजनों से पूजनीय कोई नहीं | उनके चरणों में कोटि - कोटि नमन !! और आपको बधाई भावपूर्ण रचना के लिए | सादर नमन
महातम मिश्रा
07 सितम्बर 2018हृदयतल से धन्यवाद बहन, सदैव हर्षित रहो