मै अनेक वासनाओं को प्राणपन से चाहता हूँ;
तूने मुझे उनसे वंचित रख, बचा लिया.
तेरी यह निष्ठुर दया मेरे जीवन के कण कण में व्याप्त है.
तूने आकाश, प्रकाश, देह, मन, प्राण बिना मांगे दिए हैं.
प्रतिदिन तू मुझे इस महादान के योग्य बना रहा है;
अति इच्छा के संकट से उबार कर.
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मित्रों , अर्थात अपने आप को अति इच्छा के संकट से उबारो .
anubhav
13 जून 2019great man Rabindranath Tagore